मोहब्बत से रिहा होना ज़रूरी हो गया है,
मेरा तुझसे जुदा होना ज़रूरी हो गया है,
वफ़ा के तजुर्बे करते हुए तो उम्र गुजरी,
ज़रा सा बेवफा होना ज़रूरी हो गया है।
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
जरुरी नहीं की वो बेवफा होता है,
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है।
मैंने कुछ इस तरह से खुद को संभाला है,
तुझे भुलाने को दुनिया का भरम पाला है,
अब किसी से मुहब्बत मैं कर नहीं पाता,
इसी सांचे में एक बेवफा ने मुझे ढाला है।
ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने,
ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने,
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर,
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने।
मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए शायद,
आज वो भी बेवफा हो गाए शायद,
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था,
मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए शायद।
क्यों जिंदगी इस तरह तुम दूर हो गए,
क्या बात है जो इस तरह मगरूर हो गए,
हम तरसते रहे तुम्हारा प्यार पाने को,
बेवफा बनकर तुम तो मशहूर हो गए।
जल-जल के दिल मेरा जलन से जल रहा,
एक अश्क मेरे आँख में मुद्दत से पल रहा,
जिसका मैं कर रहा हूँ घुट-घुट के इंतजार,
वो बेवफा ना आई मेरा दम निकल रहा।
आप बेवफा होंगे कभी सोचा ही नहीं था,
आप कभी खफा होंगे सोचा ही नहीं था,
जो गीत लिखे हमने कभी तेरे प्यार पर तेरे,
वही गीत रुशवा होंगे सोचा ही नहीं था।
आपकी नशीली यादों में डूबकर,
हमने इश्क की गहराई को समझा,
आप तो दे रहे थे धोखा और,
हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा।
किसी की खातिर मोहब्बत की इन्तेहाँ कर दो,
लेकिन इतना भी नहीं कि उसको खुदा कर दो,
मत चाहो किसी को टूट कर इस कदर इतना,
कि अपनी वफाओं से उसको बेवफा कर दो।
उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद,
अब हम पर प्यार आया है दूर चले जाने के बाद,
क्या बताएं किस कदर बेवफ़ा है यह दुनिया,
यहाँ लोग भूल जाते हैं किसी को दफनाने के बाद।
बेवफा तो वो खुद हैं,
पर इल्ज़ाम किसी और को देते हैं,
पहले नाम था मेरा उनके लबों पर,
अब वो नाम किसी और का लेते हैं।
वफ़ा के नाम से वो अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे।
कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,
तेरी सादगी में इतना फरेब था,
कि तुझे बेवफा भी ना कह सका।
आप बेवफा होंगे सोचा ही नहीं था,
आप भी कभी खफा होंगे सोचा नहीं था,
जो गीत लिखे थे कभी प्यार पर तेरे,
वही गीत रुसवा होंगे सोचा ही नहीं था।
वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे।
कसम दी थी उसने कभी न रोने की मुझे,
यही वजह है कि आज भी मुस्कुराता हूँ।
हर काम किया मैंने उसकी खुशी के लिए,
तब भी जाने क्यों बेवफा कहलाता हूँ।
जो हुकुम करता है, वो इल्तज़ा भी करता है,
आसमान कही झुका भी करता है,
और तू बेवफा है तो ये खबर भी सुन ले,
इन्तेज़ार मेरा कोई वहा भी करता है।
एक बेवफा से प्यार का अंजाम देख लो,
मैं खुद ही शर्मशार हूँ उससे गिला नहीं,
अब कह रहे हैं मेरे जनाज़े पे बैठ कर,
यूँ चुप हो जैसे हमसे कोई वास्ता नहीं।
कभी जो हम से प्यार बेशुमार करते थे,
कभी जो हम पर जान निसार करते थे,
भरी महफ़िल में हमको बेवफा कहते हैं,
जो खुद से ज़्यादा हमपर ऐतबार करते थे।