ना रुक ना झुक, रख भरोसा बस चलता जा,
मंज़िल ना मिले तब तक बस बढ़ता जा।
रोक लो नैनों को लकीरें भी बह जाएंगीं वरना,
आज रोक लो हमें, कल का भरोसा मत करना।
अब इन लहरो पर क्या भरोसा करूं,
जब वो मेरे विपरीत ही चल रही है,
मुझे तो इन हवाओं पर भरोसा है,
जो मेरे पतवार को सहारा दे रही है।
आज शाम हुई कल फिर सूरज निकलेगा,
भरोसा रख अपने आप पर हर पल तू निखरेगा।
जो चाहे वो पा लेता है इंसान,
विश्वास में इतना दम होता है,
जो इंसान को ईश्वर देता है,
वो कभी भी कम नहीं होता हैं।
जिंदगी की सबसे अनमोल चीज भरोसा,
जितनी आसानी से होता नहीं,
उतनी आसानी से टूट जरूर जाता है।
नसीब से ज्यादा भरोसा तुम पर किया,
फिर भी नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गई।
जब जब भरोसा किया है मेने,
तब तब भरोसा टूटा है मेरा,
अब तो किसी पर भरोसा करने का,
मन ही नही करता है मेरा।
वहम था मेरा,
जो तुम पर भरोसा किया,
लोगों ने तो सिर्फ दिल तोड़ा था,
तुमने तो मेरा रूह निचोड़ दिया।
आजकल न जाने कब,
बदल जाए इंसान भरोसा नहीं,
कहते हैं जो भरोसा करो हम पर,
अक्सर भरोसा तोड़ते हैं वहीं।
लोगों के पास बहुत कुछ है,
मगर मुश्किल यही है की,
भरोसे पे शक है और,
अपने शक पे भरोसा है।
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना,
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था।
जब कोई आपसे अपनी,
हर बात शेयर करने लगता है,
तो समझ जाना की वो आप पर,
खुद से ज़्यादा भरोसा करता है।
क्यो भरोसा करू किसी और पर,
जब खुद की आंखे खुद को धोखा दे।
आप जिस पर आँख बंद करके भरोसा करते हैं,
अक्सर वही आप की आँखें खोल जाते है।
अक्सर बुरी सीरतों की सूरतें भी हसीन हुआ करती हैं,
संभलना लोग भरोसे पर छुरी चलाते कतराते नहीं हैं।
किसी पर इतना भरोसा रखो,
कि कोई उसे तोड़ ना पाए,
चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले,
रिश्तों का कुछ उखाड़ ना पाए।
उसकी हँसी पर क्या भरोसा करना,
जो शख़्स खुलकर कभी रोया न हो।
एक बार फ़िर शक भरोसे से सबूत मांग रहा है,
हँस रही है क़िस्मत, फ़िर एक रिश्ता दफ़न हो रहा है।
जब सब तोल रहे थे मुझे ना उम्मीदी के तराज़ू में,
एक वही तो था जिसने भरोसा जताया मुझ में।
निगाहों में अभी तक दूसरा कोई चेहरा ही नहीं आया,
भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का।
भरोसा रख मुहब्बत पर, मुहब्बत रंग लाएगी,
ज़माना हार जाएगा, मुहब्बत जीत जाएगी।
हर इक पल सामने मेरे तुम्हारा ही ये चेहरा हो,
तुम्हारी ही महक लाता हवाओं का ये पहरा हो,
तुम्हारे प्यार में पागल हुआ दिल कह रहा है अब,
तुम्हें मुझ पर भरोसा और गहरा और गहरा हो।
भरोसा तब नहीं टूटता जब कोई रूठ जाता है,
भरोसा तब टूटता है जब कोई दिल तोड़ जाता है।
प्यार में कोई तो दिल तोड़ देता है,
दोस्ती में कोई तो भरोसा तोड़ देता है,
ज़िंदगी जीना तो कोई ग़ुलाब से सीखे,
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है।
भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाती है।
दिल का दर्द एक राज बनकर रह गया,
मेरा भरोसा मजाक बनकर रह गया,
दिल के सोदागरो से दिल्लगी कर बैठे,
शायद इसीलिए मेरा प्यार इक अल्फाज बनकर रह गया।
झड़ गए पत्ते उम्मीदों के सारे,
मग़र जड़ भरोसे की मजबूत बहुत है।
बेशक किसी को माफ बार-बार करो,
लेकिन भरोसा सिर्फ एक बार करो।
मैंने तुम पर भरोसा किया,
पर तुमने मुझे धोखा दिया,
अब किसी और पे ना भरोसा होगा,
और ना किसी से दोबारा प्यार होगा।