तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना,
तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना,
मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना,
मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना।
शायद हम ही बेवफा थे कि,
झटके से उनके दिल से निकल गए,
उनकी वफा तो देखिये कि,
अब तक दिल में घर किए बैठे हैं।
आपकी नशीली यादों में डूबकर,
हमने इश्क की गहराई को समझा,
आप तो दे रहे थे धोखा और,
हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा।
वो तो अपने दर्द रो-रो के सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से आँख चुराते रहे,
और हमें बेवफा का नाम मिला क्योंकि,
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।
आंसुओ तले मेरे सारे अरमान बह गये,
जिनसे उम्मीद लगाए थे वही बेवफा हो गये,
थी हमे जिन चिरागो से उजाले की चाह,
वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये।
न पूछ मेरे सब्र की इन्तहां कहाँ तक है,
तू सितम कर ले तेरी हसरत जहाँ तक है,
वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमे तो देखना है तू बेवफा कहाँ तक है।
जल-जल के दिल मेरा जलन से जल रहा,
एक अश्क मेरे आँख में मुद्दत से पल रहा,
जिसका मैं कर रहा हूँ घुट-घुट के इंतजार,
वो बेवफा ना आई मेरा दम निकल रहा।
किस-किस को तू खुदा बनाएगी,
किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी,
कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे,
बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी।
टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी,
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
कि मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी।
जो हुकुम करता है, वो इल्तज़ा भी करता है,
आसमान कही झुका भी करता है,
और तू बेवफा है तो ये खबर भी सुन ले,
इन्तज़ार मेरा कोई वहा भी करता है।
क्यों जिंदगी इस तरह तुम दूर हो गए,
क्या बात है जो इस तरह मगरूर हो गए,
हम तरसते रहे तुम्हारा प्यार पाने को,
बेवफा बनकर तुम तो मशहूर हो गए।
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
जरुरी नहीं की वो बेवफा होता है,
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है।
उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद,
अब हम पर प्यार आया है दूर चले जाने के बाद,
क्या बताएं किस कदर बेवफ़ा है यह दुनिया,
यहाँ लोग भूल जाते हैं किसी को दफनाने के बाद।
ऐ मेरा जनाज़ा उठाने वालो,
देखना कोई बेवफा पास न हो,
अगर हो तो उस से कहना,
आज तो खुशी का मौका है, उदास न हो।
जनाजा मेरा उठ रहा था,
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में,
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी,
और कितनी देर है दफनाने में।
कहाँ से लाऊं वो शब्द जो तेरी तारीफ के क़ाबिल हो,
कहाँ से लाऊं वो चाँद जिसमें तेरी ख़ूबसूरती शामिल हो,
ए मेरे बेवफा सनम एक बार बता दे मुझकों,
कहाँ से लाऊं वो किस्मत जिसमें तू बस मुझे हांसिल हो।
दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया,
खाली ही सही होठों तक जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया।
कसम दी थी उसने कभी न रोने की मुझे,
यही वजह है कि आज भी मुस्कुराता हूँ।
हर काम किया मैंने उसकी खुशी के लिए,
तब भी जाने क्यों बेवफा कहलाता हूँ।
मुझे इश्क है बस तुमसे नाम बेवफा मत देना,
गैर जान कर मुझे इल्जाम बेवजह मत देना,
जो दिया है तुमने वो दर्द हम सह लेंगे मगर,
किसी और को अपने प्यार की सजा मत देना।
बेवफा तो वो खुद हैं,
पर इल्ज़ाम किसी और को देते हैं,
पहले नाम था मेरा उनके लबों पर,
अब वो नाम किसी और का लेते हैं।