ज़िन्दगी जैसी भी हो,
हंसी खुशी जीनी पड़ेगी,
चाय थोड़ी जुदा बन गई,
एक कप तुम्हे भी पीनी पड़ेगी।
ज़िन्दगी जैसी भी हो,
हंसी खुशी जीनी पड़ेगी,
चाय थोड़ी जुदा बन गई,
एक कप तुम्हे भी पीनी पड़ेगी।
तारीफे बयां कर रहे थे लोग,
अपने अपने पसंदीदा जाम की,
खामोशी बसर हो गई महफ़िल में,
जब मिसाल दी मैने चाय की।
दिल की तकलीफ को हम,
अपनी आदत बना लेते है,
दर्द जब हद से बढ़ जाए,
तो चाय बना लेते है।
उजाले जुगनुओं से,
और फूलों से ताज़ी महक चुराई है,
वक्त चुराया जिंदगी से,
फिर ये सुकून की दो घूंट बनायीं है।
तेरी यादों की गर्माहट ने मानो,
नस नस में नशा फुक दिया है,
मैंने दिल के घावों को,
अभी भी चाय के जरिये भर दिया है।
दोस्तों और अतिथियों के मन को जीतना हो,
या फिर किसी को खुश करना हो,
दें उनके हाथ में चाय का एक प्याला,
और देखें चमत्कार का निराला।
बहोत ही ज्यादा ठंड है दोस्त,
प्लीज अपना ज्ञान मत बाटों,
अगर बाँटनेका इतनाही शौक है,
तो एक एक कप चाय बांटो।
बात करने का मजा फ़ोन पे नहीं,
सामने बैठ के आता है,
चाय का मज़ा कप में नहीं,
प्लेट में पिने से आता है।