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Chai Shayari in Hindi - चाय शायरी इन हिंदी

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सुबह की चाय का रंग गहरा लगे हैसुबह की चाय का रंग गहरा लगे है,
इसमें तो तेरे इश्क़ का पहरा लगे है,
कुछ तो खास है तेरी इस चाय में,
पिने वाले का रंग सुनहरा लगे है।

कभी हसाती है तो कभी गम के सागर में डूबा जाती हैकभी हसाती है,
तो कभी गम के सागर में डूबा जाती है,
वो चाय की टपरी,
अपनी ना होते हुए भी बहुत याद आती है।

प्यार से बनाता है कोई उसका दिल ना तोड़ा करोप्यार से बनाता है कोई,
उसका दिल ना तोड़ा करो,
पूरी पी लिया करो,
आधी कप में ना छोड़ा करो।

सुबह का ही समय होता है जब जन्नत का एहसास होता हैसुबह का ही समय होता है,
जब जन्नत का एहसास होता है,
आँखे आधी बंद होती है,
फिर भी चाय की तलाश होती है।

सुबह सुबह लीजिए हाथ में चाय का एक प्यालासुबह सुबह लीजिए हाथ में चाय का एक प्याला,
होगा आपके जीवन में उजाला ही उजाला।
चाय का है नशा निराला,
एक प्याला देता है आपको जोश निराला।

हर सफ़र में हमसफ़र नहीं होतेहर सफ़र में हमसफ़र नहीं होते,
कुछ सफ़र में चाय भी साथ होती है।

वो तो जान है मेरी रूठेगी थोड़ीवो तो जान है मेरी, रूठेगी थोड़ी,
सब छूटेगा मगर चाय छूटेगी थोड़ी।

हजार बार तलाशी ली है तुमने मेरे फ़ोन कीहजार बार तलाशी ली है तुमने मेरे फ़ोन की,
बताओ इसमें चाय के अलावा कभी कुछ मिला तो।

कुछ मोहब्बत का नशा था पहले हमकोकुछ मोहब्बत का नशा था पहले हमको,
दिल जो टुटा तो चाय से मोहब्बत हो गई।

थके हारे लोगों में भी जान आ जाती हैथके हारे लोगों में भी जान आ जाती है,
जब सफ़र में चाय की दुकान आती है।

दोस्तों और अतिथियों के मन को जीतना होदोस्तों और अतिथियों के मन को जीतना हो,
या फिर किसी को खुश करना हो,
दें उनके हाथ में चाय का एक प्याला,
और देखें चमत्कार का निराला।

मेरी सिर्फ एक छोटी सी जायदाद हैमेरी सिर्फ एक छोटी सी जायदाद है,
हाथ में सिर्फ चाय का गिलास है।

उसने पूछा चाय ज्यादा प्यारी है या मैंउसने पूछा चाय ज्यादा प्यारी है या मैं?
मैंने जल्दी से चाय ख़त्म की और कहा तुम।

जिंदगी में सबने बेचैनी दे रखी है मुझेजिंदगी में सबने बेचैनी दे रखी है मुझे,
बस एक चाय ही है जो सुकून देती है।

अब अपने लोग मुझे गैर और गैर लोग मुझे अपने लगते हैअब अपने लोग मुझे गैर और,
गैर लोग मुझे अपने लगते है,
अब चाय संग नमकीन,
जैसे दारू संग चखना लगता है।

ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानोये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो,
बड़ी तसल्ली से सोचता हूँ तुम्हे हर घुट के साथ।

दिल की तकलीफ को हम अपनी आदत बना लेते हैदिल की तकलीफ को हम,
अपनी आदत बना लेते है,
दर्द जब हद से बढ़ जाए,
तो चाय बना लेते है।

लहाज जरा ठंडा रखे जनाबलहाज जरा ठंडा रखे जनाब,
गरम तो हमें सिर्फ चाय पसंद है।

ना दिल में आती हूँ ना समझ में आती हूँना दिल में आती हूँ, ना समझ में आती हूँ,
अगर चाय पिलाओगे तो, अभी आती हूँ

आदत नहीं कुछ लाइलाज बीमारी हैआदत नहीं कुछ, लाइलाज बीमारी है,
चाय से मेरी कुछ इस कदर यारी है।

महँगी शराब दुनिया के हर कोने में मिल जाती हैमहँगी शराब दुनिया के हर कोने में मिल जाती है,
बस तेरे हाथों की चाय का स्वाद कही ना मिला।

चाय वो मेहबूब है जो शिकायत का मौका नहीं देतीचाय वो मेहबूब है,
जो शिकायत का मौका नहीं देती,
चाय वो मेहबूब है,
जनाब जो कभी धोका नहीं देती।

गर्मी के मौसम में हलकी ठंडी हवाएं मिल जाती हैगर्मी के मौसम में,
हलकी ठंडी हवाएं मिल जाती है,
हमे सब कुछ मिल जाता है,
जब चाय मिल जाती है।

मेरी चाय कि आखिरी घूंट हो तुममेरी चाय कि आखिरी घूंट हो तुम,
जिसे ना खत्म करना अच्छा लगता है ना छोड़ना।

किसको बोलूं हेलो किसको बोलूं हायकिसको बोलूं हेलो किसको बोलूं हाय,
हर टेंशन की बस एक ही दवा अदरक वाली चाय।

जागने की इजाज़त नहीं देते तेरे ख्वाब मुझेजागने की इजाज़त नहीं देते तेरे ख्वाब मुझे,
वो तो में चाय का बहाना कर के उठ जाता हूं।

जब सुबह सुबह तेरे प्यार के नग्मे गुनगुनाता हूंजब सुबह सुबह तेरे प्यार के नग्मे गुनगुनाता हूं,
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।

नशा इश्क़ का बुरा है गालिबनशा इश्क़ का बुरा है गालिब,
महबूब के हाथो का जहर भी चाय लगती है।

चलो इस बेफिक्र दुनिया को खुल कर जी लेते हैचलो इस बेफिक्र दुनिया को खुल कर जी लेते है,
सब काम छोड़ो पहले चाय पी लेते है।

ज़िन्दगी जैसी भी हो हंसी खुशी जीनी पड़ेगीज़िन्दगी जैसी भी हो,
हंसी खुशी जीनी पड़ेगी,
चाय थोड़ी जुदा बन गई,
एक कप तुम्हे भी पीनी पड़ेगी।

बरसात मर घुल रही है महक अदरक कीबरसात मर घुल रही है महक अदरक की,
आज बूंदों को भी चाय कि तलब लगेगी।

मिलते रहना सबसे किसी ना किसी बहाने सेमिलते रहना सबसे किसी ना किसी बहाने से,
रिश्ते मजबूत होते है चाय पीने पिलाने से।

बहुत दूर मंजिल है थोड़ा आराम हो जाएबहुत दूर मंजिल है थोड़ा आराम हो जाए,
चलो दो पल साथ बिताते है एक कप चाय हो जाए।

तारीफे बयां कर रहे थे लोग अपने अपने पसंदीदा जाम कीतारीफे बयां कर रहे थे लोग,
अपने अपने पसंदीदा जाम की,
खामोशी बसर हो गई महफ़िल में,
जब मिसाल दी मैने चाय की।

चलो ना पहले वाला इतवार मनाते हैचलो ना पहले वाला इतवार मनाते है,
चाय बनाते है ओर घंटो बतियाते है।

हम नहीं लगते बेवफा सनम के मुँहहम नहीं लगते बेवफा सनम के मुँह,
हमारे लब तो बस इस चाय की प्याली के लिए हैं।

लोगों की दोस्ती पर शक होने लगा हैलोगों की दोस्ती पर शक होने लगा है,
क्योंकि चाय पिने वाला आज कल कॉफ़ी जो पिने लगा है। 

बैठ जाता हूँ मैं अक्सर वहाबैठ जाता हूँ मैं अक्सर वहा,
चाय की खुशबु आ रही हो जहा।

जब चाय से महक माँ के प्यार की आईजब चाय से महक माँ के प्यार की आई,
तब सारा नशा उतर गया प्यार का।

मुझे न ताज चाहिए न तख्त चाहिएमुझे न ताज चाहिए, न तख्त चाहिए,
बस यारों के साथ चाय पर वक्त चाहिए।

बात करने का मजा फ़ोन पे नहीं सामने बैठ के आता हैबात करने का मजा फ़ोन पे नहीं,
सामने बैठ के आता है,
चाय का मज़ा कप में नहीं,
प्लेट में पिने से आता है।

सुबह सवेरे हर गरीब का निवाला हैसुबह सवेरे हर गरीब का निवाला है,
बच्चन की मधुशाला नहीं यह चाय का प्याला है।

मेरे हर लम्हे में सुकून भर देती हैमेरे हर लम्हे में सुकून भर देती है,
तुम्हारे हाथ की चाय दिसंबर को भी जून कर देती है।

तेरी यादों की गर्माहट ने मानोतेरी यादों की गर्माहट ने मानो,
नस नस में नशा फुक दिया है,
मैंने दिल के घावों को,
अभी भी चाय के जरिये भर दिया है।

तुम और चाय जब मुझे एक साथ मिलते हो तुम और चाय,
जब मुझे एक साथ मिलते हो,
यकीन मानो,
उससे खूबसूरत लम्हा कोई और नहीं होता।

बहोत ही ज्यादा ठंड है दोस्त प्लीज अपना ज्ञान मत बाटोंबहोत ही ज्यादा ठंड है दोस्त,
प्लीज अपना ज्ञान मत बाटों,
अगर बाँटनेका इतनाही शौक है,
तो एक एक कप चाय बांटो।

उजाले जुगनुओं से और फूलों से ताज़ी महक चुराई हैउजाले जुगनुओं से,
और फूलों से ताज़ी महक चुराई है,
वक्त चुराया जिंदगी से,
फिर ये सुकून की दो घूंट बनायीं है।

पहली मुलाकात थी उनसे और अपने इश्क़ के इजहार कोपहली मुलाकात थी उनसे,
और अपने इश्क़ के इजहार को,
चाय की दीवाने निकले हम दोनों,
क्या कहें इस इस्तेफ़ाक़ को।

वो तेरे शहरी कप के चाय  उसमे क्या स्वाद आएगीवो तेरे शहरी कप के चाय,
उसमे क्या स्वाद आएगी,
कुल्हड़ में पी के देख कभी
उसी चाय की स्वाद दिल को छू जाएगी।

एक सुबह की चाय तुम्हारी और इक चाय हमारी भीएक सुबह की चाय तुम्हारी,
और एक चाय हमारी भी,
कुछ बातें दिल में तुम्हारे भी,
और कुछ जज्बात हमारे भी।




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