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समर में घाव खाता है उसी का मान होता है

समर में घाव खाता है उसी का मान होता हैसमर में घाव खाता है उसी का मान होता है,
छिपा उस वेदना में अमर बलिदान होता है,
सृजन में चोट खाता है छेनी और हथौड़ी का,
वही पाषाण मंदिर में कहीं भगवान होता है।

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समर में घाव खाता है उसी का मान होता हैसमर में घाव खाता है उसी का मान होता है,
छिपा उस वेदना में अमर बलिदान होता है,
सृजन में चोट खाता है छेनी और हथौड़ी का,
वही पाषाण मंदिर में कहीं भगवान होता है।

यही जज्बा रहा तो मुश्किलों का हल भी निकलेगायही जज्बा रहा तो मुश्किलों का हल भी निकलेगा,
जमीं बंजर हुई तो क्या वहीं से जल भी निकलेगा,
न मायूस हो न घबरा अंधेरों से मेरे साथी,
इन्हीं रातों के दामन से सुनहरा कल भी निकलेगा।

सामने हो मंजिल तो रास्ते ना मोड़नासामने हो मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना,
जो भी मन में हो वो सपना मत तोड़ना,
कदम कदम पर मिलेगी मुश्किल आपको,
बस सितारे छूने के लिए जमीन मत छोड़ना।

लहरों को साहिल की दरकार नहीं होतीलहरों को साहिल की दरकार नहीं होती,
हौसला बुलंद हो तो कोई दीवार नहीं होती,
जलते हुए चिराग ने आँधियों से ये कहा,
उजाला देने वालों की कभी हार नहीं होती।

बेहतर से बेहतर की तलाश करोबेहतर से बेहतर की तलाश करो,
मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो,
टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से,
तोड़ दे पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो।

जब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखनाजब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते,
ढूंढ़ लेना अंधेरों में मंजिल अपनी,
जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते।

अपनी जमीन अपना नया आसमान पैदा करअपनी जमीन अपना नया आसमान पैदा कर,
मांगने से जिंदगी कब मिली है ऐ दोस्त,
खुद ही अपना नया इतिहास पैदा कर।

जब तक कदम रुके रहे तब तेज थी हवाजब तक कदम रुके रहे तब तेज थी हवा,
नजरें उठाई जैसे ही तूफान रुक गया,
एक पैतरे के साथ ही बिजली चमक उठी,
उसने उड़ान ली तो आसमान झुक गया।

जिंदगी में जो हम चाहते हैं वो आसानी से नहीं मिलताजिंदगी में जो हम चाहते हैं,
वो आसानी से नहीं मिलता,
लेकिन जिंदगी का सच यह है कि,
हम भी वही चाहते हैं जो आसान नहीं होता।

मंजिल पर सफलता का निशान चाहिएमंजिल पर सफलता का निशान चाहिए,
होंठों पे खिलती हुई मुस्कान चाहिए,
बहलने वाले नहीं हम छोटे से टुकड़े से,
हमें तो पूरा का पूरा आसमान चाहिए।

मुसीबत के साये में मैं हँसता-हँसाता हूँमुसीबत के साये में मैं हँसता-हँसाता हूँ,
ग़मों से उलझ कर भी मैं मुस्कराता हूँ,
हाथों में मुकद्दर की लकीरें है नहीं लेकिन,
मैं तो अपना मुकद्दर खुद बनाता हूँ।

हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहियेहो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये,
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये ।

सामने हो मंजिल तो रास्ते न मोड़नासामने हो मंजिल तो रास्ते न मोड़ना,
जो भी मन में हो वो सपना न तोडना,
कदम कदम पे मिलेगी मुश्किल आपको,
बस सितारे चुनने के लिए कभी जमीन मत छोडना।

साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिनसाहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन,
तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है,
कहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन,
उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।

आंधियों को जिद है जहां बिजलियां गिराने कीआंधियों को जिद है जहां बिजलियां गिराने की,
मुझे भी जिद है, वही आशियां बसाने की,
हिम्मत और हौंसले बुलंद है, खड़ा हूं अभी गिरा नही हूं
अभी जंग बाकी है, और मै हारा भी नही हूं।

मुश्किलें दिलों के इरादों को आजमाएंगीमुश्किलें दिलों के इरादों को आजमाएंगी,
आँखों के पर्दों को निगाहों से हटाएँगी,
गिरकर भी हम को संभलना होगा,
ये ठोकरें ही हमको चलना सिखाएंगी।

हालात से टकराने का जज्बा रखोहालात से टकराने का जज्बा रखो,
मुश्किलों में मुस्कुराने का जज्बा रखो,
अगर रूठ जाए तुम्हारे दिल का रेगिस्तान,
तो रेत की दीवार बनाने का जज्बा रखो।

बुझी शमा भी जल सकती हैबुझी शमा भी जल सकती है,
तूफानों से कश्ती भी निकल सकती है,
हो के मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल,
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है।

संघर्ष के मार्ग पर जो वीर चलता हैंसंघर्ष के मार्ग पर जो वीर चलता हैं,
वो ही इस संसार को बदलता हैं,
जिसने अंधकार, मुसीबत और ख़ुद से जंग जीती,
सूर्य बनकर वही निकलता हैं।

नदी हो दरिया हो या हो भंवर भीनदी हो दरिया हो या हो भंवर भी,
छू भी न पाये ऊँची लहरों की हलचल,
समंदर भी न डुबो पाया मेरी कश्ती को,
मुझे किसी किनारे की जरूरत नहीं है।


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