मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है।
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।
मोहब्बत ख़ूबसूरत होगी किसी और दुनिया में,
इधर तो हम पर जो गुज़री है हम ही जानते हैं।
आँख तो प्यार में दिल की ज़ुबान होती है,
चाहत तो सदा बेज़ुबान होती है,
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना,
सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है।
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,
चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये,
दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको।
एक सिलसिले की उमीद थी जिनसे,
वही फ़ासले बनाते गये,
हम तो पास आने की कोशिश मे थे,
जाने क्यूँ वो दूरियाँ बढ़ाते गये।
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते,
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते,
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है,
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।
बिन बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी,
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी,
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ,
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया,
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को,
औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया।
सोचता हूँ सागर की लहरों को देख कर,
क्यूँ ये किनारे से टकरा कर पलट जातें हैं,
करते हैं ये सागर से बेवफाई,
या फिर सागर से वफ़ा निभातें हैं।
मत फेंक पानी मे पत्थर,
उसे भी कोई पिता है,
मत रहो खफा जिंदगी से,
तुम्हे देखकर भी कोई जीता है।
कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं,
इश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते हैं,
झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी,
इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं।
यूँ तो हर एक दिल में दर्द नया होता है,
बस बयां करने का अंदाज़ जुदा होता है,
कुछ लोग आँखों से दर्द को बहा लेते हैं,
और किसी की हँसी में भी दर्द छुपा होता है।
इजाज़त हो तो तेरे चेहरे को देख लूँ जी भर के,
मुद्दतों से इन आँखों ने कोई बेवफा नहीं देखा।
बेताब हम भी थे दर्द जुदाई की कसम,
रोता वो भी होगा नज़रें चुरा चुरा कर।
रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है,
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू,
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।
हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे,
लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे,
कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए,
जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे।
दाद देते है हम तुम्हारे नजरअंदाज करने के हुनर को,
जिस ने भी सिखाया है वो उस्ताद कमाल का होगा।
खामोशियाँ कर देती बयां तो अलग बात है,
कुछ दर्द है जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।
खुशियों से नाराज़ है मेरी ज़िन्दगी,
बस प्यार की मोहताज़ है मेरी ज़िन्दगी,
हँस लेता हूँ लोगों को दिखाने के लिए,
वैसे तो दर्द की किताब है मेरी ज़िन्दगी।