ज़िन्दगी बहुत हसीन है,
कभी हंसाती है, तो कभी रुलाती है,
लेकिन जो ज़िन्दगी की भीड़ में खुश रहता है,
ज़िन्दगी उसी के आगे सिर झुकाती है।
कोशिश के बावजूद हो जाती है कभी हार,
होके निराश मत बैठना ऐ यार,
बढ़ते रहना आगे हो जैसा भी मौसम,
पा लेती मंजिल चींटी भी, गिर गिर कर कई बार।
बेहतर से बेहतर की तलाश करो,
मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो,
टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से,
तोड़ दे पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो।
जब तक कदम रुके रहे तब तेज थी हवा,
नजरें उठाई जैसे ही तूफान रुक गया,
एक पैतरे के साथ ही बिजली चमक उठी,
उसने उड़ान ली तो आसमान झुक गया।
अगर सीखना है दिए से तो जलना नहीं, मुस्कुराना सीखो,
अगर सीखना है सूर्य से तो डूबना नहीं उठना सीखो,
अगर पहुंचना हो शिखर पर तो राह पर चलना नहीं,
राह का निर्माण सीखो।
आंधियों को जिद है जहां बिजलियां गिराने की,
मुझे भी जिद है, वही आशियां बसाने की,
हिम्मत और हौंसले बुलंद है, खड़ा हूं अभी गिरा नही हूं
अभी जंग बाकी है, और मै हारा भी नही हूं।
गर्दिश मे बसर कर ली ज़िन्दगी,
उन चमकते सितारों की जरूरत नहीं है,
खुद ही गिरते और खुद ही संभलते हैं,
अब किसी के सहारों की जरूरत नहीं है।
यही जज्बा रहा तो मुश्किलों का हल भी निकलेगा,
जमीं बंजर हुई तो क्या वहीं से जल भी निकलेगा,
न मायूस हो न घबरा अंधेरों से मेरे साथी,
इन्हीं रातों के दामन से सुनहरा कल भी निकलेगा।
इन निगाहों में मन्ज़िले हैं,
सामने कठिन रास्ते हैं बहुत,
लेकिन मैं हर मुश्किल से उलझ गया,
और मैं सबसे आगे निकल गया।
जल को बर्फ़ में बदलने में वक्त लगता है,
सूरज को निकलने में वक्त लगता है,
किस्मत को तो हम बदल नही सकते,
लेकिन अपने हौसलो से किस्मत बदलने में वक्त लगता है।
आज बादलों ने फिर साजिश की,
जहाँ मेरा घर था वहीं बारिश की,
अगर फलक को जिद है बिजलियाँ गिराने की,
तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियाँ बसाने की।
उंगली पकड़ के जिसकी खड़े हो गये हम,
माँ बाप की दुआ से बड़े हो गये हम,
हम आँधियों से जूझ के हँसते ही रहे हैं,
फौलाद से भी ज्यादा कड़े हो गये हम।
तुझे अगर यकीन नही तो आजमा के देख ले,
एक बार तू ज़रा मुस्कुरा के देख ले,
वो मिलेगा तुझको जो तूने कभी सोचा ना था,
एक बार मेरी तरफ अपने कदम बढ़ा के देख ले।
मुश्किलें दिलों के इरादों को आजमाएंगी,
आँखों के पर्दों को निगाहों से हटाएँगी,
गिरकर भी हम को संभलना होगा,
ये ठोकरें ही हमको चलना सिखाएंगी।
समर में घाव खाता है उसी का मान होता है,
छिपा उस वेदना में अमर बलिदान होता है,
सृजन में चोट खाता है छेनी और हथौड़ी का,
वही पाषाण मंदिर में कहीं भगवान होता है।
फूलों की तरह मुस्कुराना जिंदगी में,
मुस्कुरा के गम भुलाना जिंदगी में,
जीत कर खुश हुए तो क्या खुश हुए,
हार कर भी मुस्कुराना जिंदगी में।
सामने हो मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना,
जो भी मन में हो वो सपना मत तोड़ना,
कदम कदम पर मिलेगी मुश्किल आपको,
बस सितारे छूने के लिए जमीन मत छोड़ना।
तालीमें नहीं दी जाती परिंदों को उड़ानों की,
वे खुद ही तय करते है, ऊँचाई आसमानों की,
रखते हैं जो हौसला आसमां को छूने का,
वो नहीं करते परवाह जमीन पे गिर जाने की।
पानी में तस्वीर बना सकते हो तुम,
कलाम को शमशेर बना सकते हो तुम,
कायर हैं जो तकदीर पे रोते हैं,
जैसी चाहो वैसी तकदीर बना सकते हो तुम।
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है,
हर पहलू जिंदगी का इम्तिहान होता है,
डरने वालों को मिलता नहीं कुछ जिंदगी में,
लड़ने वालों के कदमों में जहान होता है।