बेहतर से बेहतर की तलाश करो,
मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो,
टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से,
तोड़ दे पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो।
नदी हो दरिया हो या हो भंवर भी,
छू भी न पाये ऊँची लहरों की हलचल,
समंदर भी न डुबो पाया मेरी कश्ती को,
मुझे किसी किनारे की जरूरत नहीं है।
समर में घाव खाता है उसी का मान होता है,
छिपा उस वेदना में अमर बलिदान होता है,
सृजन में चोट खाता है छेनी और हथौड़ी का,
वही पाषाण मंदिर में कहीं भगवान होता है।
अगर सीखना है दिए से तो जलना नहीं, मुस्कुराना सीखो,
अगर सीखना है सूर्य से तो डूबना नहीं उठना सीखो,
अगर पहुंचना हो शिखर पर तो राह पर चलना नहीं,
राह का निर्माण सीखो।
सोच को बदलो सितारे बदल जायेंगे,
नजर को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे,
कश्तियाँ बदलने से कुछ नहीं होता,
दिशाओं को बदलो किनारे बदल जायेंगे।
तुझे अगर यकीन नही तो आजमा के देख ले,
एक बार तू ज़रा मुस्कुरा के देख ले,
वो मिलेगा तुझको जो तूने कभी सोचा ना था,
एक बार मेरी तरफ अपने कदम बढ़ा के देख ले।
तालीमें नहीं दी जाती परिंदों को उड़ानों की,
वे खुद ही तय करते है, ऊँचाई आसमानों की,
रखते हैं जो हौसला आसमां को छूने का,
वो नहीं करते परवाह जमीन पे गिर जाने की।
आज बादलों ने फिर साजिश की,
जहाँ मेरा घर था वहीं बारिश की,
अगर फलक को जिद है बिजलियाँ गिराने की,
तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियाँ बसाने की।
हालात से टकराने का जज्बा रखो,
मुश्किलों में मुस्कुराने का जज्बा रखो,
अगर रूठ जाए तुम्हारे दिल का रेगिस्तान,
तो रेत की दीवार बनाने का जज्बा रखो।
मुसीबत के साये में मैं हँसता-हँसाता हूँ,
ग़मों से उलझ कर भी मैं मुस्कराता हूँ,
हाथों में मुकद्दर की लकीरें है नहीं लेकिन,
मैं तो अपना मुकद्दर खुद बनाता हूँ।
सोच को अपनी ले जाओ उस शिखर पर,
ताकि उसके आगे सितारे भी झुक जाएं,
ना बनाओ अपने सफर को किसी किश्ती का मोहताज,
चलो इस शान से कि तूफान भी रुक जाए।
बुरे लोगों को भूल कर अच्छे लोगों की,
तलाश से कहीं बेहतर है की हम लोगो,
की बुरी बातें भूल जाएँ और,
उनकी अच्छी बातें तलाश करें।
गर्दिश मे बसर कर ली ज़िन्दगी,
उन चमकते सितारों की जरूरत नहीं है,
खुद ही गिरते और खुद ही संभलते हैं,
अब किसी के सहारों की जरूरत नहीं है।
सब्र एक ऐसी सवारी है जो अपने,
सवार को कभी गिरने नहीं देती,
न किसी के क़दमों में, न किसी की नज़रों में।
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है,
हर पहलू जिंदगी का इम्तिहान होता है,
डरने वालों को मिलता नहीं कुछ जिंदगी में,
लड़ने वालों के कदमों में जहान होता है।
मुस्कुराना मेरे दुखों पर छोड़ दे ऐ ज़माने,
मैं बुजदिल नहीं हूँ जो तूफानों से डर जाऊं,
मौत लिखी है किस्मत में तो लड़कर मरूंगा,
इतना कायर नहीं कि बातों से ही मर जाऊं।
कोशिश के बावजूद हो जाती है कभी हार,
होके निराश मत बैठना ऐ यार,
बढ़ते रहना आगे हो जैसा भी मौसम,
पा लेती मंजिल चींटी भी, गिर गिर कर कई बार।
सामने हो मंजिल तो रास्ते न मोड़ना,
जो भी मन में हो वो सपना न तोडना,
कदम कदम पे मिलेगी मुश्किल आपको,
बस सितारे चुनने के लिए कभी जमीन मत छोडना।
इन निगाहों में मन्ज़िले हैं,
सामने कठिन रास्ते हैं बहुत,
लेकिन मैं हर मुश्किल से उलझ गया,
और मैं सबसे आगे निकल गया।
अभी को असली मंजिल पाना बाकी है,
अभी तो इरादों का इम्तिहान बाकी है,
अभी तो तोली है मुट्ठी भर जमीन,
अभी तोलना आसमान बाकी है।