मैं जो अनजाने में करूं कोई गलती
मेरी मां इस पर भी मुस्कुरा देती है,
क्या खूब बनाया है रब ने रिश्ता मां का,
वीरान घर को भी मां जन्नत बना देती है।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
अब कहाँ किसी को फिक्र रहती है
मेरे देर से घर आने की,
माँ थी तो उसे फिक्र रहती थी
मेरे देर से घर आने की।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
मां ना होगी तो वफा कौन करेगा
ममता का हक भी कौन अदा करेगा,
रब हर एक मां को सलामत रखना
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
तेरी मूरत को इन आंखों में सदा के लिए बसा लूं,
तुझे किए हर एक वादे को मैं जिंदा रहते निभा लूँ,
तेरे चरणों की धूल को जरा माथे पर में लगा लूँ,
अपनी खुशियों के फूलों को तेरी राहों में बिछा लूँ।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
मेरे शब्द से शब्दों की माला तक,
घर के आंगन से, पाठशाला तक
मुझे सब कुछ सिखाती रही,
वो मां ही है, जो हमे जिताने के लिए
हर बार खुद को हराती रही।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
कहीं किसी को घर मिला हिस्से में
या कही दुकान आयी,
मैं घर में सबसे बड़ा था
मेरे हिस्से में माँ आयी।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
पानी को दरिया में जगह दी,
पंछियो को आसमान मे जगह दी,
तू उस शख्स को जन्नत में जगह देना,
जिसने मुझे नौ महीने अपनी कोख में जगह दी।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
नींद अपनी भुलाकर हमकों सुलाया
आंसू गिराकर हमको हंसाया,
दर्द कभी ना देना ऐ खुदा मेरी मां को
जिसे खुद खुदा तूने बनाया।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
मंजिल दूर और सफर बहुत है,
छोटी सी जिंदगी की फिक्र बहुत है,
मार डालती ये दुनिया कब का हमें,
लेकिन मेरी मां की दुआओं में असर बहुत है।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
कदम जब चूम लें मंजिल
तो जज्बा मुस्कुराता है,
दुआ लेकर चलो मां की
तो रस्ता मुस्कुराता है।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
मां से रिश्ता ऐसा बनाया जाए
जिसको निगाहों में बिठाया जाए,
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा
वो अगर उदास हो, तो हमसे भी ना मुस्कुराया जाए।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
वह मेरी बदसलूकी पर भी मुझे दुआ देती है
आगोश में लेकर सब गम भुला देती है,
यूं लगता है जैसे जन्नत से आ रही है खुशबू,
जब वह अपने पल्लू से मुझे हवा देती है।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है,
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है,
अभी ज़िन्दा है मां मेरी, मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूं दुआ भी साथ चलती है।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
हजारो फूल चाहिए, एक माला बनाने के लिए,
हजारों दीपक चाहिए, एक आरती सजाने के लिए
हजारों पानी की बुँदे चाहिए, समुद्र बनाने के लिए,
पर माँ अकेली ही काफी है,
बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
माँ अपने बच्चों पर सब न्यौछावर करती है,
बिना लालच उन्हें प्यार करती है,
भगवान का दूसरा रूप है हमारी माँ,
जो हर दुःख में हमारा साथ देती है।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
मांग लूं यह मन्नत की
फिर यही जहान मिले,
फिर वही गोद
फिर वही मां मिले।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
मैं जो अनजाने में करूं कोई गलती
मेरी मां इस पर भी मुस्कुरा देती है,
क्या खूब बनाया है रब ने रिश्ता मां का,
वीरान घर को भी मां जन्नत बना देती है।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
हर इंसान के जिंदगी में वह सबसे खास होती है,
दूर होते हुए भी वह दिल के पास होती है,
जिसके सामने मौत भी अपना सर झुका दे,
वह और कोई नहीं बस मां होती है।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
यूं ही नहीं गूंजती किल्कारियां
घर आंगन के हर कोने में,
जान हथैली पर रखनी पड़ती है
मां को मां होने में।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
माँ तो जन्नत का फूल है
प्यार करना उस का उसूल है,
दुनिया की मुहब्बत फजूल है
माँ की हर दुआ कुबूल है।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
नींद अपनी भुलाकर हमको सुलाया
आंसू गिराकर हमको हंसाया,
दर्द कभी न देना मेरी मां को
जिसे खुद खुदा तुने बनाया।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!