किस्मत पर एतबार किसको हैं,
मिल जाये खुशी इंकार किसको हैं,
कुछ मजबूरिया हैं मेरे दोस्त,
वरना जुदाई से प्यार किसको हैं।
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते,
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते,
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है,
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।
बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की,
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।
इजाज़त हो तो तेरे चेहरे को देख लूँ जी भर के,
मुद्दतों से इन आँखों ने कोई बेवफा नहीं देखा।
कभी सोचा न था के वो मुझे तनहा कर जायेगा,
जो अक्सर परेशां देख कर कहता था, मैं हूँ ना।
हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया,
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को,
औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया।
दर्द कितना है बता नहीं सकते,
ज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकते,
आँखों से समझ सको तो समझ लो,
आँसू गिरे हैं कितने गिना नहीं सकते।
मेरे इस दर्द की वजह भी वो है,
और मेरे दर्द की दवा भी तो वो है,
वो नमक ज़ख्मों पे लगाते है तो क्या,
मोहब्बत करने की वजह भी तो वो है।
वो जान गयी थी हमें दर्द में मुस्कराने की आदत है,
देती थी नया जख्म वो रोज मेरी ख़ुशी के लिए।
कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं,
इश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते हैं,
झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी,
इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं।
लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तकाजा है,
मेरे दिल का दर्द अभी ताजा-ताजा है,
गिर पड़ते हैं मेरे आंसू मेरे ही कागज पर,
लगता है कि कलम में स्याही का दर्द ज्यादा है।
सितारो को रोशनी की क्या ज़रूरत,
ये तो खुद को जला लेते हे,
आशिक़ो को वफ़ा की क्या ज़रूरत,
वो तो बेवफा को भी प्यार कर लेते हे।
जिस दिल पे चोट न आई कभी,
वो दर्द किसी का क्या जाने,
खुद शम्मा को मालूम नहीं,
क्यूँ जल जाते हैं परवाने।
ऐसा नहीं कि आप हमें याद नहीं आते,
माना कि जहाँ के सब रिश्ते निभाये नहीं जाते,
जो बस जाते हैं दिल में वो भुलाए नहीं जाते,
पर बेवफाओं से हर तरह के रिश्ते निभाये नहीं जाते।
सोचता हूँ सागर की लहरों को देख कर,
क्यूँ ये किनारे से टकरा कर पलट जातें हैं,
करते हैं ये सागर से बेवफाई,
या फिर सागर से वफ़ा निभातें हैं।
ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं।
तरस गए आपके दिदार को,
फिर भी दिल आप ही को याद करता है,
हमसे खुश नसिब तो आपके घर का आईना है,
जो हर रोज आपके हुस्न का दिदार करता है।
आँख तो प्यार में दिल की ज़ुबान होती है,
चाहत तो सदा बेज़ुबान होती है,
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना,
सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है।
बड़े महँगे किरदार है ज़िंदगी में साहिब,
समय समय पर सबके भाव बढ़ जाते है।
यूँ तो हर एक दिल में दर्द नया होता है,
बस बयां करने का अंदाज़ जुदा होता है,
कुछ लोग आँखों से दर्द को बहा लेते हैं,
और किसी की हँसी में भी दर्द छुपा होता है।