किसी किसी किस्से में आता है,
शहादत, नसीब वालो के हिस्से में आता है।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
हिमालय से ऊंचा साहस उनका,
सर जो किसी के आगे ना झुका,
मातृभूमि के खातिर किया सब अर्पन,
ऐसे वीरो को मेरा नमन।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
देश के लिए कुछ करने वाले
सिर्फ बातें करा नहीं करते,
चाहे देनी पड़े अपनी जान
किसी से डरा नहीं करते।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूंद भी लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
जब तुम शहीद हुए थे
तो ना जाने कैसे तुम्हारी माँ सोई होगी,
एक बात तो तय है
तुम्हे लगने वाली गोली भी सौ बार रोई होगी।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
आज तिरंगा फहराता है
अपनी पूरी शान से,
हमें मिली आजादी
वीर शहीदों के बलिदान से।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
ना पूछो जमाने को
क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है
की हम सिर्फ हिन्दुस्तानी है।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
देशभक्तों में कुछ ही ख़ुश नसीब होते है,
वो कभी मरते नहीं, जो शहीद होते है।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
होगा तेरा हीरो कोई
जो जमानत न मिलने पर रोया था,
मेरा हीरो तो भगतसिंह है
जो फांसी मिलने पर भी मुस्कुराया था।
शहीदों को याद करने का आया दिन,
भर लेते है उनकी यादों से अपना मन,
देश की खातिर अगर हम कुछ कर पाए,
तो इनकी तरह धन्य होगा हमारा जीवन।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
लिख रहा हूं मैं अंजाम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लायेगा,
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
जश्न आज़ादी का मुबारक हो देश वालो को,
फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालो को।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
चलो फिर से आज वो नजारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर ले,
जिसमे बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे,
देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर ले।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
सीने में ज़ुनून आंखों में देंशभक्ति
की चमक रखता हुँ,
दुश्मन के साँसें थम जाए,
आवाज में वो धमक रखता हुँ।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
फांसी का फंदा भी फूलो से कम न था,
वो भी डूब सकते थे इश्क में किसी के,
पर वतन उनके लिए
माशूक के प्यार से कम न था।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूँ,
वतन की शान की खातिर हथेली पर जान रखता हूँ,
क्यों पढ़ते हो मेरी आँखों में नक्शा किसी और का
देशभक्त हूँ दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
अपनी आज़ादी को हम
हरगिज भुला नहीं सकते,
सर कटा सकते है लेकिन
सर झुका सकते नहीं।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
मैं जला हुआ राख नहीं, अमर दीप हूँ,
जो मिट गया वतन पर मैं वो शहीद हूँ।