हम शहीद है वतन छोड़कर कहाँ जायेंगे,
गौर से देखोगे तो सितारों में नजर आएंगे,
कभी तिरंगा बनकर आकाश में लहरायेंगे,
कभी याद बनकर तुम्हारे दिल में बस जाएंगे।
हिमालय से ऊंचा साहस उनका,
सर जो किसी के आगे ना झुका,
मातृभूमि के खातिर किया सब अर्पन,
ऐसे वीरो को मेरा नमन।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
होगा तेरा हीरो कोई
जो जमानत न मिलने पर रोया था,
मेरा हीरो तो भगतसिंह है
जो फांसी मिलने पर भी मुस्कुराया था।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
हम शहीद है वतन छोड़कर कहाँ जायेंगे,
गौर से देखोगे तो सितारों में नजर आएंगे,
कभी तिरंगा बनकर आकाश में लहरायेंगे,
कभी याद बनकर तुम्हारे दिल में बस जाएंगे।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
खौफ नही था मौत का दिल में
जुबान पर था वन्देमातरम का नारा,
आजादी की चाह लिए उतरे रण में
हँसते-हँसते फंदे को खुद गले में उतारा।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
अपनी आज़ादी को हम
हरगिज भुला नहीं सकते,
सर कटा सकते है लेकिन
सर झुका सकते नहीं।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना,
लहूँ देकर की है जिसकी हिफाजत हमने,
ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाये रखना।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
अमर शहीद सैनिकों के किस्से
अपने बच्चों को रोज सुनाएंगे,
देशभक्ति, जुनून, साहस बनकर
हममें जिन्दा हो यह बताएंगे।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
लिख रहा हूं मैं अंजाम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लायेगा,
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
आज तिरंगा फहराता है
अपनी पूरी शान से,
हमें मिली आजादी
वीर शहीदों के बलिदान से।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
सीने में ज़ुनून आंखों में देंशभक्ति
की चमक रखता हुँ,
दुश्मन के साँसें थम जाए,
आवाज में वो धमक रखता हुँ।
फांसी का फंदा भी फूलो से कम न था,
वो भी डूब सकते थे इश्क में किसी के,
पर वतन उनके लिए
माशूक के प्यार से कम न था।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
किसी किसी किस्से में आता है,
शहादत, नसीब वालो के हिस्से में आता है।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
देशभक्तों में कुछ ही ख़ुश नसीब होते है,
वो कभी मरते नहीं, जो शहीद होते है।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
ना पूछो जमाने को
क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है
की हम सिर्फ हिन्दुस्तानी है।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
चाहे अंग्रेजो ने उन्हें
कितना भी सताया था,
मगर सच्चे देशभक्त होने का
उन्होंने फ़र्ज़ निभाया था।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूंद भी लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
शहीदों को याद करने का आया दिन,
भर लेते है उनकी यादों से अपना मन,
देश की खातिर अगर हम कुछ कर पाए,
तो इनकी तरह धन्य होगा हमारा जीवन।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
मैं जला हुआ राख नहीं, अमर दीप हूँ,
जो मिट गया वतन पर मैं वो शहीद हूँ।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन!
चलो फिर से आज वो नजारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर ले,
जिसमे बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे,
देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर ले।