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दर्द की शाम है आँखों में नमी है

दर्द की शाम है आँखों में नमी हैदर्द की शाम है, आँखों में नमी है,
हर सांस कह रही है, फिर तेरी कमी है।

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यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थीयूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थी,
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया,
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया,
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया।

मौसम की बहार अच्छी हो फूलो की कलिया कच्ची होमौसम की बहार अच्छी हो,
फूलो की कलिया कच्ची हो,
हमारी ये दोस्ती सच्ची हो,
मेरे दोस्त की हर शाम अच्छी हो।

दीये तो आँधी में भी जला करते हैंदीये तो आँधी में भी जला करते हैं,
गुलाब तो कांटो में ही खिला करते हैं,
खुश नसीब बहुत होती हैं वो शाम,
दोस्त आप जैसे जब मिला करते हैं।

शाम आती है तो ये सोच के डर जाता हूँशाम आती है तो ये सोच के डर जाता हूँ,
आज की रात मेरे शहर पे भारी तो नहीं।

साक़िया एक नज़र जाम से पहले पहलेसाक़िया एक नज़र जाम से पहले पहले,
हम को जाना है कहीं शाम से पहले पहले।

हम अपनी शाम को जब नज़र-ए-जाम करते हैंहम अपनी शाम को जब नज़र-ए-जाम करते हैं,
अदब से हमको सितारे सलाम करते है।

शाम खाली है जाम खाली है ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली हैशाम खाली है जाम खाली है,
ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,
सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,
मैने तन्हाई मगर बचा ली है।

तेरी निगाह उठे तो सुबह होतेरी निगाह उठे तो सुबह हो,
पलके झुके तो शाम हो जाये,
अगर तू मुस्कुरा भर दे तो,
कत्ले आम हो जाये।

उस की आँखों में उतर जाने को जी चाहता हैउस की आँखों में उतर जाने को जी चाहता है,
शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है।

भीगी हुई एक शाम की दहलीज़ पे बैठा हूँभीगी हुई एक शाम की दहलीज़ पे बैठा हूँ,
मैं दिल के सुलगने का सबब सोच रहा हूँ,
दुनिया की तो आदत है बदल लेती है आंखें,
में उस के बदलने का सबब सोच रहा हूँ।

हर सुबह को अपनी सांसों में रखोहर सुबह को अपनी सांसों में रखो,
हर शाम को अपनी बाहों में रखो,
हर जीत आपकी मुट्ठी में है बस,
अपनी मंजिल को आंखों में रखो।

जिसमें न चमकते हों मोहब्बत के सितारेजिसमें न चमकते हों मोहब्बत के सितारे,
वो शाम अगर है तो मेरी शाम नहीं है।

एक शाम आती हैं तेरी याद लेकरएक शाम आती हैं तेरी याद लेकर,
एक शाम जाती हैं तेरी याद लेकर,
हमें तो उस शाम का इन्तजार है,
जो आयें तुम्हे साथ लेकर।

ढलते दिन सा मैं गुजरती रात सी तुमढलते दिन सा मैं, गुजरती रात सी तुम,
अब थम भी जाओ, एक मुलाकात को,
तेरे आने की उम्मीद और भी तड़पाती है,
मेरी खिड़की पे जब शाम उतर आती है।

मुझे उस सहर की हो क्या ख़ुशीमुझे उस सहर की हो क्या ख़ुशी,
जो हो जुल्मतों में घिरी हुई,
मेरी शाम-ए-ग़म को जो लूट ले,
मुझ उस शहर की तलाश है।

कितनी जल्दी ये शाम आ गयीकितनी जल्दी ये शाम आ गयी,
गुड नाईट कहने की बात याद आ गयी,
हम तो बैठे थे सितारों की महफ़िल में,
चाँद को देखा तो आपकी याद आ गयी।

बस एक शाम का हर शाम इंतज़ार रहाबस एक शाम का हर शाम इंतज़ार रहा,
मगर वो शाम किसी शाम भी नहीं आई।

वादा किया है तो ज़रूर निभाएंगेवादा किया है तो ज़रूर निभाएंगे,
चाँद की किरण बनकर छत पे आएंगे,
हम हैं तो जुदाई का गम कैसा,
तेरी हर शाम को फूलों से सजाएंगे।

शाम सूरज को ढलना सिखाती हैशाम सूरज को ढलना सिखाती है,
शमा परवाने को जलना सिखाती है ,
गिरने वाले को होती तो है तकलीफ ,
पर ठोकर इंसान को चलना सिखाती है।

मेरी सुबह को तुम रोशनी दे दोमेरी सुबह को तुम रोशनी दे दो,
मेरी शामो को तुम चांदनी दे दो,
मांगता हूं मैं तुमसे अपनी जिंदगी,
बस अपने क़दमों में मुझे पनाह दे दो।


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