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ढलते दिन सा मैं गुजरती रात सी तुम

ढलते दिन सा मैं गुजरती रात सी तुमढलते दिन सा मैं, गुजरती रात सी तुम,
अब थम भी जाओ, एक मुलाकात को,
तेरे आने की उम्मीद और भी तड़पाती है,
मेरी खिड़की पे जब शाम उतर आती है।

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उस की आँखों में उतर जाने को जी चाहता हैउस की आँखों में उतर जाने को जी चाहता है,
शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है।

खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने मेंखुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में,
एक पुराना खत खोला अनजाने में,
शाम के साये बालिस्तों से नापे हैं,
चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में।

शाम होते ही दिल उदास हो जाता हैशाम होते ही दिल उदास हो जाता है,
सपनों के सिवा ना कुछ खास होता है.
आपको तो बहुत याद करते हैं हम,
यादों का लम्हा मेरे लिए कुछ खास होता है।

कभी शाम होने के बाद मेरे दिल में आकर देखनाकभी शाम होने के बाद,
मेरे दिल में आकर देखना,
खयालों की महफ़िल सजी होती है,
और जिक्र सिर्फ तुम्हारा होता है।

दीये तो आँधी में भी जला करते हैंदीये तो आँधी में भी जला करते हैं,
गुलाब तो कांटो में ही खिला करते हैं,
खुश नसीब बहुत होती हैं वो शाम,
दोस्त आप जैसे जब मिला करते हैं।

रात हुई जब हर शाम के बादरात हुई जब हर शाम के बाद,
तेरी याद आयी हर बात के बाद,
हमने खामोश रह कर भी महसूस किया,
तेरी आवाज़ आयी हर सांस के बाद।

ढलती शाम सी खूबसूरत हो तुमढलती शाम सी खूबसूरत हो तुम,
मगर शाम की ही तरह बहुत दूर हो तुम।

जिन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेकर आती हैंजिन्दगी की हर सुबह,
कुछ शर्ते लेकर आती हैं,
और जिन्दगी की हर शाम,
कुछ तजुर्बे देकर जाती हैं।

रात के इंतज़ार में सुबह से मुलाकात हो गईरात के इंतज़ार में सुबह से मुलाकात हो गई,
शायद कल की वो शाम ढलना भुल गई
कहाँ की शाम और कैसी सहर, जब तुम नही होते,
तड़पता है ये दिल आठो पहर, जब तुम नही होते।

साक़िया एक नज़र जाम से पहले पहलेसाक़िया एक नज़र जाम से पहले पहले,
हम को जाना है कहीं शाम से पहले पहले।

रोज़ ढलती हुई शाम से डर लगता हैरोज़ ढलती हुई शाम से डर लगता है,
अब मुझे प्यार के अंजाम से डर लगता है,
जब से तुमने मुझे धोखा दिया,
तबसे मोहब्बत के नाम से भी डर लगता है।

मेरी सुबह को तुम रोशनी दे दोमेरी सुबह को तुम रोशनी दे दो,
मेरी शामो को तुम चांदनी दे दो,
मांगता हूं मैं तुमसे अपनी जिंदगी,
बस अपने क़दमों में मुझे पनाह दे दो।

ढलते दिन सा मैं गुजरती रात सी तुमढलते दिन सा मैं, गुजरती रात सी तुम,
अब थम भी जाओ, एक मुलाकात को,
तेरे आने की उम्मीद और भी तड़पाती है,
मेरी खिड़की पे जब शाम उतर आती है।

कितनी जल्दी ये शाम आ गयीकितनी जल्दी ये शाम आ गयी,
गुड नाईट कहने की बात याद आ गयी,
हम तो बैठे थे सितारों की महफ़िल में,
चाँद को देखा तो आपकी याद आ गयी।

हर सुबह को अपनी सांसों में रखोहर सुबह को अपनी सांसों में रखो,
हर शाम को अपनी बाहों में रखो,
हर जीत आपकी मुट्ठी में है बस,
अपनी मंजिल को आंखों में रखो।

बस एक शाम का हर शाम इंतज़ार रहाबस एक शाम का हर शाम इंतज़ार रहा,
मगर वो शाम किसी शाम भी नहीं आई।

कभी कभी शाम ऐसे ढलती है जैसे घूंघट उतर रहा होकभी कभी शाम ऐसे ढलती है,
जैसे घूंघट उतर रहा हो,
तुम्हारे सीने से उठता धुआँ,
हमारे दिल से गुज़र रहा हो।

वादा किया है तो ज़रूर निभाएंगेवादा किया है तो ज़रूर निभाएंगे,
चाँद की किरण बनकर छत पे आएंगे,
हम हैं तो जुदाई का गम कैसा,
तेरी हर शाम को फूलों से सजाएंगे।

एक शाम आती हैं तेरी याद लेकरएक शाम आती हैं तेरी याद लेकर,
एक शाम जाती हैं तेरी याद लेकर,
हमें तो उस शाम का इन्तजार है,
जो आयें तुम्हे साथ लेकर।

मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वोमैं सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वो,
न जाने क्यों लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो,
वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है,
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है।


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