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भीगी हुई एक शाम की दहलीज़ पे बैठा हूँ

भीगी हुई एक शाम की दहलीज़ पे बैठा हूँभीगी हुई एक शाम की दहलीज़ पे बैठा हूँ,
मैं दिल के सुलगने का सबब सोच रहा हूँ,
दुनिया की तो आदत है बदल लेती है आंखें,
में उस के बदलने का सबब सोच रहा हूँ।

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कभी शाम होने के बाद मेरे दिल में आकर देखनाकभी शाम होने के बाद,
मेरे दिल में आकर देखना,
खयालों की महफ़िल सजी होती है,
और जिक्र सिर्फ तुम्हारा होता है।

एक दर्द छुपा हो सीने में तो मुस्कान अधूरी लगती हैएक दर्द छुपा हो सीने में,
तो मुस्कान अधूरी लगती है,
जाने क्यों बिन तेरे मुझको,
हर शाम अधूरी लगती है।

रोज़ ढलती हुई शाम से डर लगता हैरोज़ ढलती हुई शाम से डर लगता है,
अब मुझे प्यार के अंजाम से डर लगता है,
जब से तुमने मुझे धोखा दिया,
तबसे मोहब्बत के नाम से भी डर लगता है।

दिन ख्वाहिशों में गुजरता है रात खयालों में कटती हैदिन ख्वाहिशों में गुजरता है,
रात खयालों में कटती है,
शाम का आलम ना पूछो,
मयकदे जाओगे तो समझोगे।

यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती हैयूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है,
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया।

भीगी हुई एक शाम की दहलीज़ पे बैठा हूँभीगी हुई एक शाम की दहलीज़ पे बैठा हूँ,
मैं दिल के सुलगने का सबब सोच रहा हूँ,
दुनिया की तो आदत है बदल लेती है आंखें,
में उस के बदलने का सबब सोच रहा हूँ।

काश ये शाम कभी ढले नाकाश ये शाम कभी ढले ना,
काश ये शाम मोहब्बत की रुके ना,
हो जाए आज दिल की चाहते सारी पूरी,
और दिल की कोई चाहत बचे ना।

जिन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेकर आती हैंजिन्दगी की हर सुबह,
कुछ शर्ते लेकर आती हैं,
और जिन्दगी की हर शाम,
कुछ तजुर्बे देकर जाती हैं।

चाँद सा चेहरा देखने की इज़ाज़त दे दोचाँद सा चेहरा देखने की इज़ाज़त दे दो,
मुझे ये शाम सजाने की इज़ाज़त दे दो,
मुझे कैद कर लो अपने इश्क़ में या फिर,
मुझे इश्क़ करने की इज़ाज़त दे दो।

फिजा में महकती शाम हो तुमफिजा में महकती शाम हो तुम,
प्यार का छलकता जाम हो तुम,
सीने में छुपाये फिरते हैं तुम्हें,
मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम।

शाम आती है तो ये सोच के डर जाता हूँशाम आती है तो ये सोच के डर जाता हूँ,
आज की रात मेरे शहर पे भारी तो नहीं।

मुझे ना जाने की ख़ुशी है अबमुझे ना जाने की ख़ुशी है अब,
अब ना ही मरने का है ग़म,
उनसे मिलने की दुआ भी नहीं करते हम,
क्योंकि अब हर शाम है उनकी यादो के संग।

वादा किया है तो ज़रूर निभाएंगेवादा किया है तो ज़रूर निभाएंगे,
चाँद की किरण बनकर छत पे आएंगे,
हम हैं तो जुदाई का गम कैसा,
तेरी हर शाम को फूलों से सजाएंगे।

मुझे उस सहर की हो क्या ख़ुशीमुझे उस सहर की हो क्या ख़ुशी,
जो हो जुल्मतों में घिरी हुई,
मेरी शाम-ए-ग़म को जो लूट ले,
मुझ उस शहर की तलाश है।

हम अपनी शाम को जब नज़र-ए-जाम करते हैंहम अपनी शाम को जब नज़र-ए-जाम करते हैं,
अदब से हमको सितारे सलाम करते है।

वो आके पहलू में ऐसे बैठे, के शाम रंगीन हो गई है, जरा जरा सी खिली है तबीयत, जरा सी गमगीन हो गई है।वो आके पहलू में ऐसे बैठे,
के शाम रंगीन हो गई है,
जरा जरा सी खिली है तबीयत,
जरा सी गमगीन हो गई है।

शाम होते ही आ मिलती है मुझसेशाम होते ही आ मिलती है मुझसे,
ये तेरी याद मेरे हर शाम की मुंतजीर है,
आओ एक शाम बैठो पास मेरे और देखो,
ये जो मंजर है कितना बेनजीर है।

रात हुई जब हर शाम के बादरात हुई जब हर शाम के बाद,
तेरी याद आयी हर बात के बाद,
हमने खामोश रह कर भी महसूस किया,
तेरी आवाज़ आयी हर सांस के बाद।

यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थीयूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थी,
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया,
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया,
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया।

खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने मेंखुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में,
एक पुराना खत खोला अनजाने में,
शाम के साये बालिस्तों से नापे हैं,
चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में।


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