तेरे लिए हर सपने नीलाम कर दिया मैंने,
तुम्हें खास बनाने के लिए खुद को आम करदिया मैंने,
तुम कहती थी की मैं खुश रहना चाहती हूँ,
इसलिए मेरे खुशियों को तेरे नाम कर दिया मैंने।
रस्मों रिवाज की जो परवाह करते हैं,
प्यार में वो लोग गुनाह करते हैं,
इश्क वो जुनून है जिसमें दीवाने,
अपनी खुशी से खुद को तबाह करते हैं।
इन आंखो मे आंसू आये न होते,
पीछे मुड़ कर मुस्कुराये न होते,
उनके जाने के बाद यही गम रहेगा,
के काश वो हमारी जिंदगी में आये न होते।
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा,
यादें कटती हैं ले लेकर नाम तेरा,
मुद्दत से बैठे हैं ये आस पाले कि,
आज आयेगा कोई पैगाम तेरा।
हम आँखों से रोये और होठो से मुस्कुरा बैठे,
हमतो बस यूँ ही उनसे इश्क-ए-वफ़ा निभा बैठे,
वो हमे अपनी मोहब्बत का एक लम्हा भी न दे सके,
और हम उन पर यूही हर लम्हा लूट बैठे।
जब तक दर्द न हो किसी के आंसू आया नही करते,
बिना वजह किसी का दिल दुखाया नही करते,
ये बात सुन लो कान खोल कर,
किसी के सपने तोड़ कर अपने सपने सजाया नही करते।
दूर हो कर भी तुझसे चाहत थी,
क्योंकि तू तो दिल की आहट थी,
पर जब तूने धोखे की बात कही,
जो मेरे दिल ने नहीं सही।
तुम पत्थर दिल मानोगे मुझको,
पर मैं भी यादों में खोया था,
अपनों की यादों में अक्सर,
मैं भी रातों में रोया था।
सब मालूम था सब खबर थी,
फिर भी सब बिन कहे सह गए,
तेरे प्यार में इस कदर पड़े कि,
तैरना आता था फिर भी इश्क़ की दरिया में बह गए।
एक तेरा नाम लेते ही,
मेरे चेहरें पर मुस्कान आ जाती है,
मै कितनी ही मुश्किल में क्यों ना हूं,
मेरी जान में जान आ जाती है।
सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।
हम दुआएं करेंगे उनपर एतवार रखना,
न कोई हमसे कभी सवाल रखना,
अगर दिल में चाहत हो हमे खुश देखने की,
बस हमेशा मुश्कुराना और अपना ख्याल रखना।
दिल टूटेगा तो फरियाद करोगे तुम भी,
हम ना रहे तो हमें याद करोगे तुम भी,
आज कहते हो हमारे पास वक्त नहीं पर,
देखना एक दिन मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे तुम भी।
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही,
मोहब्बत में प्रेमी कभी झुकता नही,
किसी की खुशियों के खातिर चुप है,
पर तू ये न समझना की मुझे दुःखता नही।
अब तेरे बिना जिंदगी गुजारना मुमकिन नही है,
अब और किसी को इस दिल में बसाना आसान नही है,
हम तो तेरे पास चले आये होते सब कुछ छोड़ कर,
लेकिन तूने कभी हमे दिल से पुकारा ही नही है।
बिना देखे तेरी तस्वीर बना सकता हूँ,
बिना मिले तेरा हाल बता सकता हूँ,
अरे मेरी मोहब्बत में इतनी ताकत है की,
तेरे आंख के आंसू अपने आंख से निकल सकता हूँ।
वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया है,
ज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया है,
न रोते थे कभी काँटों की चुभन से,
आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है।
वो नही आती पर अपनी निशानी भेज देती है,
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है,
उसकी यादों के पल कितने भी मीठे हैं,
मगर कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है।
दिन हुआ है तो रात भी होगी,
मत हो उदास कभी तो उससे बात होगी,
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो फिर मुलाकात होगी।
शादी के वादे तो कर लिए थे एक दूसरे से,
पर मैं तेरी मांग में अपने नाम का सिंदूर सजा ना सका,
तुझे पा तो लिया था मैंने, पर तुझे अपना बना ना सका।