अगर कुछ बनना है तो गुलाब के फुल जैसे बनो,
क्यों की ये फुल एक ऐसा फुल है,
जो उसके हाथ मैं भी खुशबु छोड़ देता है,
जो उनको मसल कर फ़ेंक देता है।
हैप्पी रोझ डे!
चेहरा आपका खिलता रहे गुलाब की तरह,
नाम आपका रोशन रहे आफताब की तरह,
ग़म में भी आप खिलते रहे फूलों की तरह,
अगर हम इस दुनिया में न रहें आज की तरह।
हैप्पी रोझ डे!
मोहब्बत का पैगाम भेजा है तुम्हे,
इसे महज एक फूल ना समझना,
मेरे हर एक अहसास को बयाँ करते है ये,
इन्हें प्यार से क़ुबूल करना।
हैप्पी रोझ डे!
रोज रोज, रोज डे आये,
फिर तू मेरे लिए गुलाब लाये,
इसी बहाने से सही,
तू मुझसे मिलने तो आये।
हैप्पी रोझ डे!
बीते साल के बाद फिर से रोज़ डे आया है,
मेरी आँखों में सिर्फ तेरा ही सुरूर छाया है,
जरा तुम आकर तो देखो,
तुम्हारे इंतजार में पूरे घर को सजाया है।
हैप्पी रोझ डे!
कैसे भेजू मैं तुझे गुलाब,
तुम तो हो ही बहुत लाजवाब,
गुलाब तो फिर भी मुरझा जाते है,
लेकिन तुम्हारी आखों में आंसू कभी ना आते है।
हैप्पी रोझ डे!
गुलाब की खूबसूरती भी फिकी सी लगती है,
जब तेरे चेहरे पर मुस्कान खिल उठती है,
यूं ही मुस्कुराते रहना मेरे प्यार तू,
तेरी खुशियों से मेरी सांसें जी उठती है।
हैप्पी रोझ डे!
आदत अलग है हमारी दुनिया वालों से,
कम दोस्त रखते है मगर लाजवाब रखते है,
क्योंकि बेशक हमारी माला छोटी है,
पर फूल उसमें सारे गुलाब के रखते है।
हैप्पी रोझ डे!
ए-हसीन मेरा गुलाब कबूल कर
हम तुमसे बेइन्तहा इश्क़ करते है,
अब नहीं इस ज़माने की परवाह हमको
हम अपने इश्क़ का इज़हार करते है,
तुम नादानी समझो या शैतानी हमारी
हम हर घडी तेरा इंतजार करते है।
हैप्पी रोझ डे!
गुलाब लाये है तेरे दीदार के लिए,
पर वो भी मुरझा गया तेरे नूर के आगे,
तू ऐसा खूबसूरत हिरा है,
की कोहिनूर भी सोचे तुझे पाने के लिए।
गुलाबों से बढ़कर गुलाब दूँ आपको,
गुलाब की खुशबू से वार दूँ आपको,
हो हर लम्हे में खूबसूरत एहसास आपको
उतना हर पल में मैं प्यार दूँ आपको।
हैप्पी रोझ डे!
मेरा हर ख्वाब आज हकीकत बन जाये,
जो हो बस तुम्हारे साथ ऐसी जिन्दगी बन जाये,
हम लाये लाखो में एक गुलाब तुम्हारे लिए,
और ये गुलाब मोहब्बत की शुरुआत बन जाये।
हैप्पी रोझ डे!
गुलाब की खूबसूरती भी तेरे सामने फीकी लगती है,
जब तेरे चेहरे पर मुस्कान खिल उठती है,
यूं ही मुस्कुराते रहना मेरे प्यार है तू ,
तेरी खुशियों से मेरी सांसे ओर भी तेज चलती है।
हैप्पी रोझ डे!
अगर छू जाए मेरे गुलाब आपको तो एतबार जरूर करना,
हम से न सही पर गुलाब से हमारे प्यार जरूर करना,
हम तो समझ जाएंगे आपकी आंखों को भी,
बस अपनी आंखों से इजहार जरूर करना।
हैप्पी रोझ डे!
मेरे आंसुओं में तू ही छुपी रहती है,
रोज आंखों से तू ही तो बरसती है,
किसी गुलाब की बेटी है तू शायद,
इसलिए मुरझाकर भी महकती है।
हैप्पी रोझ डे!
बड़ी नाजुक से पली हो तुम,
तभी तो गुलाब सी खिली कली हो तुम,
जिससे मिलने को बेकरार है हम,
दिल मैं आने वाली खलबली हो तुम।
हैप्पी रोझ डे!
फूलों जैसी लबों पर हँसी हो,
जीवन में आपको कोई न बेबसी हो,
ले आये हम प्यारा सा गुलाब आपके लिए,
बस इस गुलाब जैसी प्यारी आपकी जिंदगी हो।
हैप्पी रोझ डे!
जिसको पा ना सके वो जनाब हो आप,
मेरी ज़िन्दगी का पहला ख्वाब हो आप,
लोग चाहे कुछ भी कहे आपको,
लेकिन मेरे लिए सुन्दर सा गुलाब हो आप।
हैप्पी रोझ डे!
मैने कब कहा की मुझे गुलाब दे,
या अपनी मोहब्बत से नवाज दे,
आज बहुत उदास है दिल मेरा,
गैर बन कर ही सही तू मुझे आवाज दे।
हैप्पी रोझ डे!
लफ्जों की तरह तुझे किताबों में मिलेंगे,
बन के महक तुझे गुलाबों में मिलेंगे,
खुद को कभी अकेला मत समझना,
हम तुझे तेरे दिल में या तेरे ख्यालों में मिलेंगे।