ज़ख्म मेरा है दर्द मुझको होता है,
इस जमाने में कौन किसका होता है,
उन्हें नींद नहीं आती जो प्यार करते हैं,
और जो दिल को तोड़ते हैं वो चैन से सोते हैं।
दिल टूटेगा तो फरियाद करोगे तुम भी,
हम ना रहे तो हमें याद करोगे तुम भी,
आज कहते हो हमारे पास वक्त नहीं पर,
देखना एक दिन मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे तुम भी।
जिंदगी की हक़ीकत सिर्फ इतनी होती है,
जब जागता है इंसान तो किस्मत सोती है,
इंसान जिस पर अपना हक़ खुद से ज्यादा समझता है,
वो अमानत अक्सर किसी और की होती है।
प्यार हर किसी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सिखा देता है,
प्यार नही किया तो करके देखो,
ये हर दर्द सहना सिखा देता है।
शादी के वादे तो कर लिए थे एक दूसरे से,
पर मैं तेरी मांग में अपने नाम का सिंदूर सजा ना सका,
तुझे पा तो लिया था मैंने, पर तुझे अपना बना ना सका।
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही,
मोहब्बत में प्रेमी कभी झुकता नही,
किसी की खुशियों के खातिर चुप है,
पर तू ये न समझना की मुझे दुःखता नही।
तेरी यादों में जो गुजरे हैं,
उस पल का मैं हिसाब क्या लिखूं,
तुम सब जानकर भी पूछते हो क्या है ये,
अब तू ही बता इस सवाल का मैं जवाब क्या लिखूं।
गम कितना है हम आपको दिखा नही सकते,
ज़ख्म कितने गहरे है ये आपको दिखा नही सकते,
जरा हमारे इन आंसुओ को तो देख लो,
ये आंसू गिरे है कितने ये हम आपको गिना नही सकते।
वो करते है मोहब्बत की बात,
लेकिन मोहब्बत के दर्द का उन्हें एहसास नही,
मोहब्बत तो वो चाँद है जो दिखता तो है सबको,
लेकिन उसको पाना सबके बस की बात नही।
हम अगर खो गये तो कभी न पा सकोगे,
हम वहाँ चले जायेंगे जहाँ कभी नही आ सकोगे
जिस दिन मेरी मोहब्बत का एहसास हो गया तुम्हे,
पछताओगे, क्योंकि हम वहाँ चले जायेंगे जहाँ से फिर न बुला सकोगे।
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही,
मज़ाक किया करते है इस जमाने में।
एक तेरा नाम लेते ही,
मेरे चेहरें पर मुस्कान आ जाती है,
मै कितनी ही मुश्किल में क्यों ना हूं,
मेरी जान में जान आ जाती है।
तेरे बगैर इस ज़िन्दगी की जरूरत नहीं,
तेरे सिवा हमें किसी और की चाहत नहीं।
तुम ही रहोगे हमेशा हमारे दिल में किसी और को,
इस दिल में आने की इजाजत नहीं।
हम तो ख्वाबो की दुनिया में बस खोते गये,
होश तो था फिर भी मदहोश होते गये,
उस अजनबी चेहरे में क्या जादू था,
न जाने क्यों हम उसके होते गये।
वो बिछड़ के हमसे ये दुरिया कर गई,
ना जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमें तन्हाईया चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्ना तो पूरी हो गई।
मन उसने जाने का बना लिया था,
किसी और को अपने दिल में बसा लिया था,
उसे रोक कर अब करते भी तो क्या साहब,
जब रंग हाथों में उसने किसी और के नाम का सजा लिया था।
कब तूने चाहा था कि तुझको इतना प्यार करू,
कि तेरी यादों में रो रो कर हर बार मरू,
मैं खुद ही जिम्मेदार हूँ इसका,
क्यूँ इसको तेरे नाम करूं।
चिंगारी का ख़ौफ़ न दिया करो हमे,
हम अपने दिल में दरिया बहाय बैठे है,
अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में,
लेकिन हमतो खुद को आंसुओ में भिगोये बैठे है।
तुझे भुलाना अब मेरे बस में नहीं,
चाहो तो कोई और सजा दे दो,
अगर फिर भी नहीं मानता हो तुम्हारा दिल,
तो मुझे मरने की दुआ दे दो।
जब कोई ख्याल इस दिल से टकराता है,
तो दिल न चाहते हुए भी खामोश हो जाता है,
कोई सब कुछ कह कर भी कुछ नही कह पाता है,
और कोई बिना कुछ कह भी सब कुछ कह जाता है।