अब तेरे बिना जिंदगी गुजारना मुमकिन नही है,
अब और किसी को इस दिल में बसाना आसान नही है,
हम तो तेरे पास चले आये होते सब कुछ छोड़ कर,
लेकिन तूने कभी हमे दिल से पुकारा ही नही है।
इन आंखो मे आंसू आये न होते,
पीछे मुड़ कर मुस्कुराये न होते,
उनके जाने के बाद यही गम रहेगा,
के काश वो हमारी जिंदगी में आये न होते।
तेरे लिए हर सपने नीलाम कर दिया मैंने,
तुम्हें खास बनाने के लिए खुद को आम करदिया मैंने,
तुम कहती थी की मैं खुश रहना चाहती हूँ,
इसलिए मेरे खुशियों को तेरे नाम कर दिया मैंने।
ये वक्त बदला और बदली ये कहानी है,
अब तो बस मेरे पास उनकी यादें पुरानी है,
न लगाओ मेरे ज़ख्मो पे मरहम,
क्योंकि मेरे पास बस उनकी यही बची हुई निशानी है।
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही,
मज़ाक किया करते है इस जमाने में।
वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया है,
ज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया है,
न रोते थे कभी काँटों की चुभन से,
आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है।
प्यार वो नहीं जिसमे जीत या हार हो,
प्यार वो नहीं जिसमें इनकार हो,
असली प्यार तो वो है जिसमे,
मिलने की उम्मीद ना हो फिर भी इंतजार हो।
पता नहीं अब बदल गया हूँ या संभल गया हूँ,
अंदर चाहे जितना भी दर्द हो लेकिन,
अब ऊपर से मुस्कुराना सिख गया हूँ।
हम आँखों से रोये और होठो से मुस्कुरा बैठे,
हमतो बस यूँ ही उनसे इश्क-ए-वफ़ा निभा बैठे,
वो हमे अपनी मोहब्बत का एक लम्हा भी न दे सके,
और हम उन पर यूही हर लम्हा लूट बैठे।
कब तूने चाहा था कि तुझको इतना प्यार करू,
कि तेरी यादों में रो रो कर हर बार मरू,
मैं खुद ही जिम्मेदार हूँ इसका,
क्यूँ इसको तेरे नाम करूं।
अब बदन पर कपड़े ढीले ढीले है,
सर पर बाल भारी भारी हैं,
दाढ़ी भी मैं कटवाता नहीं क्यूंकि,
ये तेरी बेवफाई की आखरी निशानी है।
जब कोई ख्याल इस दिल से टकराता है,
तो दिल न चाहते हुए भी खामोश हो जाता है,
कोई सब कुछ कह कर भी कुछ नही कह पाता है,
और कोई बिना कुछ कह भी सब कुछ कह जाता है।
जो पल बीत गये वो वापस आ नही सकते,
सूखे फूलो को वापस खिला नही सकते,
कभी ऐसा लगता है वो हमे भूल गये होंगे,
पर ये दिल कहता है वो हमे कभी भुला नही सकते।
क़दर करलो उनकी जो तुमसे,
बिना मतलब की चाहत करते हैं,
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम,
और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है।
रस्मों रिवाज की जो परवाह करते हैं,
प्यार में वो लोग गुनाह करते हैं,
इश्क वो जुनून है जिसमें दीवाने,
अपनी खुशी से खुद को तबाह करते हैं।
दिन हुआ है तो रात भी होगी,
मत हो उदास कभी तो उससे बात होगी,
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो फिर मुलाकात होगी।
हमारी चाहत ने उस बेवफा को ख़ुशी दे दी,
और उस वेबफा ने बदले में ख़ामोशी दे दी,
मांगी तो उस रब से दुआ मरने की थी,
लेकिन उसने भी हमे तड़पने के लिए जिंदगी दे दी।
शादी के वादे तो कर लिए थे एक दूसरे से,
पर मैं तेरी मांग में अपने नाम का सिंदूर सजा ना सका,
तुझे पा तो लिया था मैंने, पर तुझे अपना बना ना सका।
वो बिछड़ के हमसे ये दुरिया कर गई,
ना जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमें तन्हाईया चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्ना तो पूरी हो गई।
तुझे भुलाना अब मेरे बस में नहीं,
चाहो तो कोई और सजा दे दो,
अगर फिर भी नहीं मानता हो तुम्हारा दिल,
तो मुझे मरने की दुआ दे दो।
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही,
मोहब्बत में प्रेमी कभी झुकता नही,
किसी की खुशियों के खातिर चुप है,
पर तू ये न समझना की मुझे दुःखता नही।