बंदे है हम देसी, हम पर किसका ज़ोर,
मकर संक्रान्ति में उड़े, पतंगे चारो और,
अपना मांझा खुद सूतने,
आज हम चले छत की और।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!
त्यौहार नहीं होता अपना पराया,
त्यौहार है वही जिसे सबने मनाया,
तो मिला गुड में तिल,
पतंग संग उड़ जाने दो दिल।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!
गुल को गुलशन मुबारक,
चाँद को चांदनी मुबारक,
शायर को शायरी मुबारक,
और हमारी तरफ से आप को
मकर संक्रांति का पर्व मुबारक।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!
आप मेहनत में कमी मत रखना
भगवान खुद भरेंगे सफलता के रंग,
मकर संक्रांति के दिन दोस्तों के साथ
आसमान की ऊंचाइयों में उड़ाए पतंग।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!
हर पतंग जानती है,
अंत में कचरे में जाना है,
लेकिन उससे पहले हमें,
आसमान छूकर दिखाना है।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!
सपनों को लेकर मन में
उड़ायेंगे पतंग आसमान में,
ऐसी भरेगी उड़ान मेरी पतंग
जो भर देगी जीवन में खुशियों की तरंग।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!
तिल हम है और गुड़ है आप,
मिठाई हम है, और मिठास है आप
साल के पहले त्यौहार से हो रही है शुरूआत,
आपको हमारी तरफ से ढेर सारी मुबारक बात।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!
मंदिर की घंटी, आरती की थाली,
नदी के किनारे सूरज की लाली,
जिंदगी में आये खुशियों की बहार,
आपको मुबारक हो मकर संक्रांति का ये त्यौहार।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!
ऊँची पतंग से मेरी ऊँची उड़ान होंगी,
इस जहाँ में मेरे लिए मंजिले तमाम होंगी,
जब भी आसमान की और देखोगे तुम दोस्तों,
तुम्हारे ही हाथों मेरी डोर के साथ जान होंगी।
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!
तन में मस्ती, मन में उमंग, देकर सबको अपनापन,
गुड़ में जैसे मिठापन, होकर साथ हम उड़ाए पतंग।