बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है मैं तो आईना हूँ,
मुझे तो टूटने की आदत है।
क़दर करलो उनकी जो तुमसे,
बिना मतलब की चाहत करते हैं,
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम,
और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है।
जो पल बीत गये वो वापस आ नही सकते,
सूखे फूलो को वापस खिला नही सकते,
कभी ऐसा लगता है वो हमे भूल गये होंगे,
पर ये दिल कहता है वो हमे कभी भुला नही सकते।
एक वक़्त तेरी जिंदगी में आएगा जरूर,
जब तुझे तेरे गलत होने का एहसास होगा,
मैं भी देखना चाहता हूँ कोई तेरे साथ,
इतना गलत करे तो तुझे कैसे बर्दाश्त होगा।
कितना दर्द है इस दिल में लेकिन हमे एहसास नही है,
कोई था बहुत खास पर वो पास नही है,
हमे उनके इश्क ने बर्बाद कर दिया,
और वो कहते है की ये कोई प्यार नही है।
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा,
यादें कटती हैं ले लेकर नाम तेरा,
मुद्दत से बैठे हैं ये आस पाले कि,
आज आयेगा कोई पैगाम तेरा।
लफ़्ज़ों की बातें बहुत हो गई,
अब कुछ दिल की बात कहते हैं,
अब भले ही करलें नफरत मुझसे,
मगर हम तो आपसे बेइंतेहा प्यार करते हैं।
सब मालूम था सब खबर थी,
फिर भी सब बिन कहे सह गए,
तेरे प्यार में इस कदर पड़े कि,
तैरना आता था फिर भी इश्क़ की दरिया में बह गए।
बात में आँसू बहाया नही करते,
हर बात दिल की हर किसी से कहा नही करते,
ये नमक का शहर है इसलिए,
ज़ख्म यहाँ हर किसी को दिखाया नहीं करते।
जिंदगी की हक़ीकत सिर्फ इतनी होती है,
जब जागता है इंसान तो किस्मत सोती है,
इंसान जिस पर अपना हक़ खुद से ज्यादा समझता है,
वो अमानत अक्सर किसी और की होती है।
तेरे लिए हर सपने नीलाम कर दिया मैंने,
तुम्हें खास बनाने के लिए खुद को आम करदिया मैंने,
तुम कहती थी की मैं खुश रहना चाहती हूँ,
इसलिए मेरे खुशियों को तेरे नाम कर दिया मैंने।
तुम पत्थर दिल मानोगे मुझको,
पर मैं भी यादों में खोया था,
अपनों की यादों में अक्सर,
मैं भी रातों में रोया था।
हम आँखों से रोये और होठो से मुस्कुरा बैठे,
हमतो बस यूँ ही उनसे इश्क-ए-वफ़ा निभा बैठे,
वो हमे अपनी मोहब्बत का एक लम्हा भी न दे सके,
और हम उन पर यूही हर लम्हा लूट बैठे।
तुझे भुलाना अब मेरे बस में नहीं,
चाहो तो कोई और सजा दे दो,
अगर फिर भी नहीं मानता हो तुम्हारा दिल,
तो मुझे मरने की दुआ दे दो।
प्यार वो नहीं जिसमे जीत या हार हो,
प्यार वो नहीं जिसमें इनकार हो,
असली प्यार तो वो है जिसमे,
मिलने की उम्मीद ना हो फिर भी इंतजार हो।
मन उसने जाने का बना लिया था,
किसी और को अपने दिल में बसा लिया था,
उसे रोक कर अब करते भी तो क्या साहब,
जब रंग हाथों में उसने किसी और के नाम का सजा लिया था।
ये वक्त बदला और बदली ये कहानी है,
अब तो बस मेरे पास उनकी यादें पुरानी है,
न लगाओ मेरे ज़ख्मो पे मरहम,
क्योंकि मेरे पास बस उनकी यही बची हुई निशानी है।
वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया है,
ज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया है,
न रोते थे कभी काँटों की चुभन से,
आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है।
जब तक दर्द न हो किसी के आंसू आया नही करते,
बिना वजह किसी का दिल दुखाया नही करते,
ये बात सुन लो कान खोल कर,
किसी के सपने तोड़ कर अपने सपने सजाया नही करते।
हमारी चाहत ने उस बेवफा को ख़ुशी दे दी,
और उस वेबफा ने बदले में ख़ामोशी दे दी,
मांगी तो उस रब से दुआ मरने की थी,
लेकिन उसने भी हमे तड़पने के लिए जिंदगी दे दी।