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Gulzar Shayari in Hindi - गुलजार शायरी इन हिंदी

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तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में,
तुझे ही वक्त नहीं दे पा रहे हम,
माफ़ करना ऐ ज़िंदगी,
तुझे ही नहीं जी पा रहे हम।

भीड़ काफी हुआ करती थी महफ़िल में मेरी,
फिर मैं सच बोलता गया और लोग उठते चले गए।

बहुत मुश्किल से करता हु तेरी यादों का कारोबार,
माना मुनाफा कम है पर गुज़ारा हो जाता है।

कुछ जख्मों की उम्र नहीं होती हैं,
ताउम्र साथ चलते हैं, जिस्मों के ख़ाक होने तक।

तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं,
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं।

यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं,
सोंधी सोंधी लगती है तब माज़ी की रुसवाई भी।

कौन कहता है की हम झूठ नहीं बोलते,
एक बार तुम खैरियत पूछ कर तो देखो।

मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश को,
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है।

कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं।

अच्छी किताबें और अच्छे लोग,
तुरंत समझ में नहीं आते, उन्हें पढना पड़ता हैं।

तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं,
सज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी हैं।

आज की रात यूँ थमी सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है।

कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।

उम्र जाया कर दी लोगो ने,
औरों में नुक्स निकालते निकालते,
इतना खुद को तराशा होता,
तो फरिश्ते बन जाते।

मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।

ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है,
दर्द दिल का लिबास होता है।

कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ,
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की।

ज़िंदगी पर भी कोई ज़ोर नहीं,
दिल ने हर चीज़ पराई दी है।

दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है,
किस की आहट सुनता हूँ वीराने में।

कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था,
आज की दास्ताँ हमारी है।

ख़ामोशी का हासिल भी,
इक लम्बी सी ख़ामोशी थी,
उन की बात सुनी भी,
हम ने अपनी बात सुनाई भी।

कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं।

शायर बनना बहुत आसान हैं,
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।

सामने आया मेरे, देखा भी, बात भी की,
मुस्कुराए भी किसी पहचान की खातिर,
कल का अखबार था, बस देख लिया, रख भी दिया।

आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हम ने ऐतबार किया।

प्यार न कभी इकतरफ़ा होता है न होगा,
दो रूहों के मिलन की जुड़वां पैदाईश है ये।

ये शर्म है या हया है, क्या है,
नज़र उठाते ही झुक गयी है,
तुम्हारी पलकों से गिरती शबनम हमारी,
आंखों में रुक गयी है।

कब से बैठा हुआ हूँ मैं जानम,
सादे काग़ज़ पे लिखके नाम तेरा,
बस तेरा नाम ही मुकम्मल है,
इससे बेहतर भी नज़्म क्या होगी।

प्यार अकेला नहीं जी सकता,
जीता है तो दो लोगों में, मरता है तो दो मरते हैं।

वो कटी फटी हुई पत्तियां,
और दाग़ हल्का हरा हरा,
वो रखा हुआ था किताब में,
मुझे याद है वो ज़रा ज़रा।

छोटी-छोटी बातों की हैं यादें बड़ी,
भूले नहीं, बीती हुई एक छोटी घड़ी।

कोई वादा नहीं किया लेकिन,
क्यों तेरा इंतजार रहता है,
बेवजह जब क़रार मिल जाए,
दिल बड़ा बेकरार रहता है।

वक़्त रहता नहीं कहीं थमकर,
इस की आदत भी आदमी सी है।

आधे पौने पुरे चांद, जितना था सब माल गया,
बारह महीने जमा किए थे, जेब काटकर साल गया।

एक उम्मीद बार बार आ कर,
अपने टुकड़े तलाश करती है,
बूढ़ी पगडंडी शहर तक आ कर,
अपने बेटे तलाश करती है।

जीवन से लंबे हैं बंधु, ये जीवन के रस्ते,
एक पल थम के रोना होगा, एक पल चलना हँस के।

वो एक दिन एक अजनबी को,
मेरी कहानी सुना रहा था,
वो उम्र कम कर रहा था मेरी,
मैं साल अपने बढ़ा रहा था ।

ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है,
उन की बात सुनी भी हमने अपनी बात सुनाई भी।

छोटा सा साया था, आँखों में आया था,
हमने दो बूंदों से मन भर लिया।

आँखों के पोछने से लगा आग का पता,
यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ।

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं,
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में,
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।

मैं हर रात ख्वाईशो को,
खुद से पहले सुला देता हूं,
हैरत यह है की हर सुबह,
ये मुझसे पहले जग जाती है।

कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें।

शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है।

काँच के पीछे चाँद भी था,
और काँच के ऊपर काई भी,
तीनों थे हम वो भी थे,
और मैं भी था, तन्हाई भी।

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।

कैसे कह दू कि महंगाई बहुत है,
मेरे शहर के चौराहे पर आज भी,
एक रुपये में कई कई दुआएं मिलती है।

मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।




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