सुख दुःख की धूप-छाँव से आगे निकल के देख,
इन ख्वाहिशों के गाँव से आगे निकल के देख,
तूफान क्या डुबायेगा तेरी कश्ती को,
आँधियों की हवाओं से आगे निकल दे देख।
ग़म न कर ज़िन्दगी बहुत बड़ी है,
यह महफ़िल तेरे लिए ही सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,
तकदीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है।
जो खैरात में मिलती कामयाबी,
तो हर शख्स कामयाब होता,
फिर कदर न होती किसी हुनर की,
और न ही कोई शख्स लाजवाब होता।
जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिये,
जीत के खातिर ऐसा जुनून चाहिए,
ये आसमान भी आएगा ज़मीन पर,
बस इरादों में ऐसी गूंज होनी चाहिये।
आज तेरे लिए वक्त का इशारा है,
देखता ये जहां सारा है,
फिर भी तुझे रास्तों की तलाश है,
आज फिर तुझे मंज़िलो ने पुकारा है।
छू ले आसमान ज़मीं की तलाश न कर,
जी ले ज़िन्दगी ख़ुशी की तलाश न कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश न कर।
तकदीरें बदल जाती हैं,
जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो,
वर्ना ज़िन्दगी कट ही जाती है
तकदीर को इल्ज़ाम देते देते।
चलता रहूँगा पथ पर,
चलने में माहिर बन जाऊँगा,
या तो मंजिल मिल जायेगी,
या अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊँगा।
नहीं चल पायेगा वो एक पग भी,
भले बैसाखियाँ सोने की दे दो,
सहारे की जिसे आदत पड़ी हो,
उसे हिम्मत खड़े होने की दे दो।
डर मुझे भी लगा फासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर।
इस दुनिया में कोई खुशियों की चाह में रोता है,
कोई गमो की पनाह में रोता है,
अजीब ज़िन्दगी का सिलसिला है,
कोई भरोसे के लिए रोता है, कोई भरोसा करके रोता है।
जिंदगी में छांव है तो कभी धूप है,
ऐ जिंदगी न जाने तेरे कितने रूप है,
जिंदगी में हालात जो भी हों,
लेकिन जिंदगी में मुस्कुराना नही भूला करते हैं।
राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है,
जिसने रातों से जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है।
बूझी शमां भी जल सकती है,
तूफ़ान से कश्ती भी निकल सकती है,
होके मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल,
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है।
किसी भी उम्मीद के बिना,
हमेशा सबका अच्छा करने की कोशिश करना,
क्योंकि किसी ने कहा है की, जो लोग फूल बेचते है,
उसके हाथों में खुश्बू रह ही जाती है।
मुश्किलों में भाग जाना आसान होता है,
हर पहलू जिंदगी का इम्तिहान होता है,
डरने वाले को कुछ नहीं मिलता जिंदगी में,
और लड़ने वालो के कदमो में जहां होता है।
वही है जिन्दा, जिसकी आस जिन्दा है,
वही है जिन्दा, जिसकी प्यास जिन्दा है,
श्वास लेने का नाम ही जिंदगी नहीं,
जिन्दा वही है, जिसका विश्वास जिन्दा है।
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है,
बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं,
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है।
ना थके कभी पैर ना कभी हिम्मत हारी है,
हौंसला है ज़िन्दगी में कुछ कर दिखाने का,
इसलिए अभी भी सफर जारी है।
रख हौसला वो मंजर भी आयेगा,
प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा,
थक कर न बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा।