जिंदगी में जीत और हार है किसके लिए,
एक दूसरे में इतनी तकरार है किसके लिए,
जो आया है इस दुनिया मे एक दिन वो जाएगा,
ए इंसा तो तुझे इतना गुमान है किसके लिए।
जिंदगी में छांव है तो कभी धूप है,
ऐ जिंदगी न जाने तेरे कितने रूप है,
जिंदगी में हालात जो भी हों,
लेकिन जिंदगी में मुस्कुराना नही भूला करते हैं।
जिंदगी बहुत खूबसूरत है, जिंदगी से प्यार करो,
अगर हो रात तो, सुबह का इंतजार करो,
वो पल भी आएगा जिसका तुझे इंतेज़ार है,
बस उस खुदा पर भरोसा और वक्त पर ऐतबार करो।
तकदीरें बदल जाती हैं,
जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो,
वर्ना ज़िन्दगी कट ही जाती है
तकदीर को इल्ज़ाम देते देते।
जिंदगी में कभी किसी अपने का साथ मत छोड़ना,
जिंदगी में कभी किसी का दिल मत तोड़ना,
बस जिंदगी तो उसे ही कहते हैं,
जो एक पल में सारा जहां जी लेते हैं।
बूझी शमां भी जल सकती है,
तूफ़ान से कश्ती भी निकल सकती है,
होके मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल,
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है।
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है,
हर पहलू ज़िन्दगी का इम्तिहान होता है,
डरने वालों को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में,
लड़ने वाले के कदमों में जहान होता है।
राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है,
जिसने रातों से जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है।
जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा,
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता,
जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा।
सुख दुःख की धूप-छाँव से आगे निकल के देख,
इन ख्वाहिशों के गाँव से आगे निकल के देख,
तूफान क्या डुबायेगा तेरी कश्ती को,
आँधियों की हवाओं से आगे निकल दे देख।
जो खैरात में मिलती कामयाबी,
तो हर शख्स कामयाब होता,
फिर कदर न होती किसी हुनर की,
और न ही कोई शख्स लाजवाब होता।
चलता रहूँगा पथ पर,
चलने में माहिर बन जाऊँगा,
या तो मंजिल मिल जायेगी,
या अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊँगा।
जो इस वक्त मुस्कुरा रहा है, कभी उसे दर्द ने पाला होगा,
और जो इस वक्त चल रहा, उसके पैर में ज़रूर छाला होगा।
बिना मेहनत के कोई भी चमक नही सकता,
जो दिया जल रहा है उसी से ही तो उजाला होगा।
डर मुझे भी लगा फासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर।
ना थके कभी पैर ना कभी हिम्मत हारी है,
हौंसला है ज़िन्दगी में कुछ कर दिखाने का,
इसलिए अभी भी सफर जारी है।
शमा परवाने को जलाना सिखाती है,
शाम सूरज को ढलना सिखाती है,
मुसाफिर को ठोकरों से होती तो हैं तकलीफें,
लेकिन ठोकरें ही एक मुसाफिर को चलना सिखाती हैं।
रख हौसला वो मंजर भी आयेगा,
प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा,
थक कर न बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा।
छू ले आसमान ज़मीं की तलाश न कर,
जी ले ज़िन्दगी ख़ुशी की तलाश न कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश न कर।
नहीं चल पायेगा वो एक पग भी,
भले बैसाखियाँ सोने की दे दो,
सहारे की जिसे आदत पड़ी हो,
उसे हिम्मत खड़े होने की दे दो।
ज़िंदगी तस्वीर भी है ओर तक़दीर भी हैं,
फरक तो बस रंगो का हैं,
मनचाहे रंगो से बने तो तस्वीर,
ओर अनजाने रंगो से बने तो तक़दीर।