किसी भी उम्मीद के बिना,
हमेशा सबका अच्छा करने की कोशिश करना,
क्योंकि किसी ने कहा है की, जो लोग फूल बेचते है,
उसके हाथों में खुश्बू रह ही जाती है।
जो इस वक्त मुस्कुरा रहा है, कभी उसे दर्द ने पाला होगा,
और जो इस वक्त चल रहा, उसके पैर में ज़रूर छाला होगा।
बिना मेहनत के कोई भी चमक नही सकता,
जो दिया जल रहा है उसी से ही तो उजाला होगा।
ज़िन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
मंज़िल के कई इम्तिहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने,
अभी तो सारा आसमान बाकी है।
जिंदगी में जीत और हार है किसके लिए,
एक दूसरे में इतनी तकरार है किसके लिए,
जो आया है इस दुनिया मे एक दिन वो जाएगा,
ए इंसा तो तुझे इतना गुमान है किसके लिए।
जल को बर्फ़ में बदलने में वक्त लगता है,
सूरज को निकलने में वक्त लगता है,
किस्मत को तो हम बदल नही सकते ,
लेकिन अपने हौसलो से किस्मत बदलने में वक्त लगता है।
ना थके कभी पैर ना कभी हिम्मत हारी है,
हौंसला है ज़िन्दगी में कुछ कर दिखाने का,
इसलिए अभी भी सफर जारी है।
साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन,
तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है,
कहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन,
उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।
ज़िंदगी तस्वीर भी है ओर तक़दीर भी हैं,
फरक तो बस रंगो का हैं,
मनचाहे रंगो से बने तो तस्वीर,
ओर अनजाने रंगो से बने तो तक़दीर।
नहीं चल पायेगा वो एक पग भी,
भले बैसाखियाँ सोने की दे दो,
सहारे की जिसे आदत पड़ी हो,
उसे हिम्मत खड़े होने की दे दो।
किसी को बे-सबब शोहरत नहीं मिलती है ऐ वाहिद,
उन्हीं के नाम हैं दुनिया में जिनके काम अच्छे हैं,
लकीरें खींचते रहने से बन गई तस्वीर,
कोई भी काम हो, बे-कार थोड़ी होता है।
ना पूछो कि मेरी मंज़िल कहाँ हैं,
अभी तो सफ़र का इरादा किया है,
ना हारूँगा हौंसला उम्र भर,
ये मैंने किसी से नहीं खुद से वादा किया है।
तकदीरें बदल जाती हैं,
जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो,
वर्ना ज़िन्दगी कट ही जाती है
तकदीर को इल्ज़ाम देते देते।
रख हौसला वो मंजर भी आयेगा,
प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा,
थक कर न बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा।
जो न पूरा हो उसे अरमान कहते हैं,
जो न बदले उसे ईमान कहते हैं,
ज़िन्दगी मुश्किलों में भले ही बीत जाये,
पर जो झुकता नहीं उसे इंसान कहते हैं।
शमा परवाने को जलाना सिखाती है,
शाम सूरज को ढलना सिखाती है,
मुसाफिर को ठोकरों से होती तो हैं तकलीफें,
लेकिन ठोकरें ही एक मुसाफिर को चलना सिखाती हैं।
बूझी शमां भी जल सकती है,
तूफ़ान से कश्ती भी निकल सकती है,
होके मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल,
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है।
इस दुनिया में कोई खुशियों की चाह में रोता है,
कोई गमो की पनाह में रोता है,
अजीब ज़िन्दगी का सिलसिला है,
कोई भरोसे के लिए रोता है, कोई भरोसा करके रोता है।
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है,
बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं,
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है।
मुक्कदर लिखने वाले मुझ पर एक एहसान कर दे,
मेरे दोस्त की ज़िंदगी में एक और मुस्कान लिख दे,
अब एक भी दर्द न उनकी ज़िंदगी मे लिखना,
चाहे तो उनके मुक्कदर में मेरी जान लिख दे।
सुख दुःख की धूप-छाँव से आगे निकल के देख,
इन ख्वाहिशों के गाँव से आगे निकल के देख,
तूफान क्या डुबायेगा तेरी कश्ती को,
आँधियों की हवाओं से आगे निकल दे देख।