किसी को बे-सबब शोहरत नहीं मिलती है ऐ वाहिद,
उन्हीं के नाम हैं दुनिया में जिनके काम अच्छे हैं,
लकीरें खींचते रहने से बन गई तस्वीर,
कोई भी काम हो, बे-कार थोड़ी होता है।
जिंदगी में कभी किसी अपने का साथ मत छोड़ना,
जिंदगी में कभी किसी का दिल मत तोड़ना,
बस जिंदगी तो उसे ही कहते हैं,
जो एक पल में सारा जहां जी लेते हैं।
परिंदो को मिलेगी मंज़िल एक दिन,
ये फैले हुए उनके पर बोलते है,
वही लोग रहते है खामोश अक्सर ज़माने में,
जिनके हुनर बोलते है।
ग़म न कर ज़िन्दगी बहुत बड़ी है,
यह महफ़िल तेरे लिए ही सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,
तकदीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है।
रख हौसला वो मंजर भी आयेगा,
प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा,
थक कर न बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा।
होके मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये,
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये।
सुख दुःख की धूप-छाँव से आगे निकल के देख,
इन ख्वाहिशों के गाँव से आगे निकल के देख,
तूफान क्या डुबायेगा तेरी कश्ती को,
आँधियों की हवाओं से आगे निकल दे देख।
जो इस वक्त मुस्कुरा रहा है, कभी उसे दर्द ने पाला होगा,
और जो इस वक्त चल रहा, उसके पैर में ज़रूर छाला होगा।
बिना मेहनत के कोई भी चमक नही सकता,
जो दिया जल रहा है उसी से ही तो उजाला होगा।
तकदीरें बदल जाती हैं,
जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो,
वर्ना ज़िन्दगी कट ही जाती है
तकदीर को इल्ज़ाम देते देते।
काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाये,
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाये,
यहाँ ज़िन्दगी तो हर कोई काट लेता है,
ज़िन्दगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाये।
ज़िन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
मंज़िल के कई इम्तिहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने,
अभी तो सारा आसमान बाकी है।
डर मुझे भी लगा फासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर।
ये ज़िन्दगी हसीं है इस से प्यार करो,
अभी है रात तो सुबह का इंतज़ार करो,
वो पल भी आएगा जिसकी ख्वाहिश है आपको,
रब पर रखो भरोसा वक़्त पर ऐतबार करो।
नहीं चल पायेगा वो एक पग भी,
भले बैसाखियाँ सोने की दे दो,
सहारे की जिसे आदत पड़ी हो,
उसे हिम्मत खड़े होने की दे दो।
जब टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख़्त-ओ-ताज नहीं होते,
ढूढ़ लेना अंधेरे में ही मंज़िल अपनी दोस्तों,
क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज़ नहीं होते।
जो फ़कीरी मिजाज़ रखते हैं,
वो ठोकरों में ताज रखते हैं,
जिनको कल की फ़िक्र नहीं,
वो मुठ्ठी में आज रखते हैं।
ज़िन्दगी बस एक हसीन ख़्वाब है,
दिल में जीने की चाहत होनी चाहिये,
ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे,
सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।
जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिये,
जीत के खातिर ऐसा जुनून चाहिए,
ये आसमान भी आएगा ज़मीन पर,
बस इरादों में ऐसी गूंज होनी चाहिये।
बेहतर से बेहतर कि तलाश करो,
मिल जाये नदी तो समंदर कि तलाश करो,
टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से,
टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो।
इस दुनिया में कोई खुशियों की चाह में रोता है,
कोई गमो की पनाह में रोता है,
अजीब ज़िन्दगी का सिलसिला है,
कोई भरोसे के लिए रोता है, कोई भरोसा करके रोता है।