बेहतर से बेहतर कि तलाश करो,
मिल जाये नदी तो समंदर कि तलाश करो,
टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से,
टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो।
ना पूछो कि मेरी मंज़िल कहाँ हैं,
अभी तो सफ़र का इरादा किया है,
ना हारूँगा हौंसला उम्र भर,
ये मैंने किसी से नहीं खुद से वादा किया है।
ज़िन्दगी बस एक हसीन ख़्वाब है,
दिल में जीने की चाहत होनी चाहिये,
ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे,
सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।
25 की उम्र में लोग शादी करके,
अपने बच्चों के बारे में सोचते है,
और मुझे मेरी माँ को AUDI के,
आगे वाली सीट पर बैठाना है।
ये ज़िन्दगी हसीं है इस से प्यार करो,
अभी है रात तो सुबह का इंतज़ार करो,
वो पल भी आएगा जिसकी ख्वाहिश है आपको,
रब पर रखो भरोसा वक़्त पर ऐतबार करो।
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है,
बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं,
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है।
वही है जिन्दा, जिसकी आस जिन्दा है,
वही है जिन्दा, जिसकी प्यास जिन्दा है,
श्वास लेने का नाम ही जिंदगी नहीं,
जिन्दा वही है, जिसका विश्वास जिन्दा है।
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है,
हर पहलू ज़िन्दगी का इम्तिहान होता है,
डरने वालों को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में,
लड़ने वाले के कदमों में जहान होता है।
अगर आपकी किस्मत लिख सकते हम,
तो हर खुशी आपके हिस्से में लिख देते हम,
जो मोड़ आपको आपकी मन्ज़िल दिलाये,
उस रुख को आपकी तरफ मोड़ देते हम।
बूझी शमां भी जल सकती है,
तूफ़ान से कश्ती भी निकल सकती है,
होके मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल,
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है।
जिंदगी में छांव है तो कभी धूप है,
ऐ जिंदगी न जाने तेरे कितने रूप है,
जिंदगी में हालात जो भी हों,
लेकिन जिंदगी में मुस्कुराना नही भूला करते हैं।
किसी को बे-सबब शोहरत नहीं मिलती है ऐ वाहिद,
उन्हीं के नाम हैं दुनिया में जिनके काम अच्छे हैं,
लकीरें खींचते रहने से बन गई तस्वीर,
कोई भी काम हो, बे-कार थोड़ी होता है।
जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा,
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता,
जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा।
डर मुझे भी लगा फासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर।
चलता रहूँगा पथ पर,
चलने में माहिर बन जाऊँगा,
या तो मंजिल मिल जायेगी,
या अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊँगा।
रख हौसला वो मंजर भी आयेगा,
प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा,
थक कर न बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा।
संघर्ष में आदमी अकेला होता है,
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है,
जब-जब जग किसी पर हँसा है,
तब-तब उसी ने इतिहास रचा है।
ज़िंदगी तस्वीर भी है ओर तक़दीर भी हैं,
फरक तो बस रंगो का हैं,
मनचाहे रंगो से बने तो तस्वीर,
ओर अनजाने रंगो से बने तो तक़दीर।
साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन,
तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है,
कहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन,
उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।
ज़िन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
मंज़िल के कई इम्तिहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने,
अभी तो सारा आसमान बाकी है।