वफ़ा सबको मिली दुनिया में हमारे सिवा,
हमें जब भी प्यार हुआ बेकदरों से हुआ।
पता ही नहीं चला कब वो दोस्त से प्यार बन गया,
साथ गुजरा हुआ कुछ पल आज यादगार बन गया,
कर न सके उनसे इज़हार हम इस बात का,
और देखते ही देखते वह किसी और के दिलदार बन गया।
तुम अपने ज़ुल्म की इन्तेहाँ कर दो,
फिर कोई हम सा बेजुबां मिले ना मिले।
हर सिग्नल तेरी याद दिलाता है,
तूने भी रंग कुछ इसी तरह बदला था।
ग़म हूँ, दर्द हूँ, साज़ हूँ, या आवाज़ हूँ,
बस जो भी हूँ तुम बिन बहुत उदास हूँ।
नहीं बता सकती हूँ की,
क्या हाल दिल का मेरा है,
बस इतना समझ लो तुम बिन,
ना ज़िन्दगी में मेरे सवेरा है।
जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं हम नादान थे,
दिल की उम्मीदों का हौंसला तो देखो।
बस आंखों ने रोना छोड़ा है,
दिल तो आज भी तेरे लिए रोता है।
आज हम है कल हमारी यादें होगी,
जब हम न होंगे तब हमारी बातें होगी,
कभी पल्टाओगे ज़िन्दगी के ये पन्ने तो,
शायद आप की आँखों से भी बारिश होगी।
हमने सोचा था की बताएँगे सब दुःख दर्द तुमको,
पर तुमने तो इतना भी ना पूछा की खामोश क्यूँ हो।