नहीं डर लगता मुझे अब गैरों से,
क्यों की मिला है दर्द मुझे अपनों से।
हाल ऐ दिल बयां ना कर पाएंगे,
ज़िन्दगी तुझ बिन किस तरह बिताएंगे,
हमको आता ही नहीं जीना तेरे बगैर,
हम तो तुम्हारे बिन मर ही जायेंगे।
पता ही नहीं चला कब वो दोस्त से प्यार बन गया,
साथ गुजरा हुआ कुछ पल आज यादगार बन गया,
कर न सके उनसे इज़हार हम इस बात का,
और देखते ही देखते वह किसी और के दिलदार बन गया।
है कोई वकील इस जहान में,
जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको।
अक्सर वही लोग हम पर वार करते हैं,
जिनपर हम हद से ज्यादा ऐतबार करते हैं।
दिल पर किसी के यु ऐतबार न करो,
दिल से किसी का इंतज़ार न करो,
कांटे ही कांटे है इस राह में,
हद से भी ज़्यादा किसी से प्यार न करो।
युं तो गलत नही होते अंदाज चेहरों के लेकिन
लोग वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है।
इस तरह चुपचाप से बिताई है ज़िंदगी मैंने,
धड़कन को भी खबर न लगी कि दिल रो रहा है।
हर सिग्नल तेरी याद दिलाता है,
तूने भी रंग कुछ इसी तरह बदला था।
एक खेल रत्न उसको भी दे दो,
बड़ा अच्छा खेलता है वो दिल से।