बहुत समझाती हूँ मैं इस दिल को की,
जिस रास्ते मैं कांटे हो उस रस्ते नहीं जाना है,
वहां धोके की दुनिया है और धोखा नहीं खाना है।
एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,
जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे,
वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा,
हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे।
कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा,
कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा,
मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है,
मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा।
दिल से खेलना तो हमे भी आता है,
लेकिन जिस खैल मे खिलौना टुट जाए,
वो खेल हमे पसंद नही।
हमें सताने की जरुरत क्या थी,
दिल मेरा जलाने की जरुरत क्या थी,
इश्क़ नहीं था मुझसे तो कह दिया होता,
मजाक मेरा यु बनाने की जरुरत क्या थी।
बहुत समझाती हूँ मैं इस दिल को की,
जिस रास्ते मैं कांटे हो उस रस्ते नहीं जाना है,
वहां धोके की दुनिया है और धोखा नहीं खाना है।
दिल पर किसी के यु ऐतबार न करो,
दिल से किसी का इंतज़ार न करो,
कांटे ही कांटे है इस राह में,
हद से भी ज़्यादा किसी से प्यार न करो।
बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता,
तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता,
जब बी देखता वो अपने हाथों को,
उसे हमारा ख़याल तो आया होता।
नहीं बता सकती हूँ की,
क्या हाल दिल का मेरा है,
बस इतना समझ लो तुम बिन,
ना ज़िन्दगी में मेरे सवेरा है।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।