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Gusse Wali Shayari in Hindi - गुस्से वाली शायरी इन हिंदी

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बहुत गुस्सा होता है कभी कभी तुम पर,
गुस्सा निकालना भी दिल चाहता है,
लेकिन जब आपकी आवाज सुन लेता हूँ,
तो गुस्से की जगह प्यार आ जाता है।

जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं,
मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है।

क्रोध में भी शब्दों का चुनाव कैसा होना चाहिए,
की कल जब गुस्सा उतरे तो,
खुद की नजरों में शर्मिंदा ना होना पड़े।

समझ नहीं आता क्यों खफा हूँ इतनी,
गुस्सा है तुझपे या याद आ रही है।

भले गलती करने पर माँ, गुस्से में मुझे डांट देती है,
लेकिन वही बिना मांगे, सबसे ज्यादा प्यार देती है।

जैसे बिन बादल बरसात नहीं होती,
जैसे बिन चाँद कभी रात नहीं होती,
ऐसे ही गुस्सा छोड़ो मेरी जान,
क्योंकि मरने के बाद बात नहीं होती।

कभी-कभी गुस्से से हीं प्यार की शुरुआत होती है,
पहले नोकझोंक होती है, फिर दिल से दिल की बात होती है।

मेरे गुस्से पर गुस्सा करने वाले ही मिले मुझे,
मनाने वाला तो कोई है ही नहीं।

बेहद गुस्सा करते हो आजकल,
नफरत करने लगे लगे हो,
या मोहब्बत ज्यादा हो गयी।

तुम्हारा तो गुस्सा भी इतना प्यारा है की,
दिल करता है दिन भर तुम्हे तंग करता रहूँ।

गुस्से में जो छोड़ जाये वो वापस आ सकता है,
मुस्कुराकर छोड़कर जाने वाला कभी वापस नहीं आता।

तुम जब गुस्सा हो जाते हो तो ऐसा लगता है,
मनाते मनाते ज़िन्दगी गुजार दूँ।

झूठे हमदर्द से कहीं अच्छा होता है माँ-बाप का गुस्सा,
यह जिंदगी की बड़ी हकीकत हैं, नहीं है कोई किस्सा।

माना कि बहुत लड़ते हैं,
लेकिन प्यार भी बहुत करते हैं,
हमारे गुस्से से नाराज़ ना हो जाना,
प्यार दिल से और गुस्सा ऊपर से करते हैं।

हर चेहरे पर उदासी है गम है या फिर गुस्सा है,
शहर मैं ये कौनसी खैरात बंट रही है इन दिनो।

नफ़रत और गुस्सा आता है खुदपर,
के क्यों आपसे दिल लगाया,
लेकिन आपने तो मासूम से अरमानों को,
आसानी से मरोड़कर रख दिया।

गुस्सा इतना है कि तुमसे कभी बात भी ना करूँ,
फिर भी दिल में तेरी फिक्र खुद से ज्यादा है।

बात बात पर तू नाराज़ हो जाता है,
और फिर कहता है कि मुझे बहुत चाहता है,
गुस्सा तो मुझे भी तुम पर बहुत आता है,
पर तेरा चेहरा देखते ही चला जाता है।

तुम पर गुस्सा आता ही नहीं,
ना जाने कितनी मुहब्बत कर बैठा हूँ तुमसे।

गुस्सा होने के बाद भी, एक दूसरे की परवाह करना,
यही तो सच्चे रिश्ते की निशानी है।

दिल की आग कभी होठों पे मत लाना दोस्त,
बेकसूर लोग जल जायेंगे, गुस्सा मत करना कभी।

ज़िन्दगी की राहों में आपको कभी न छोड़ूंगा,
ये मासूम सा दिल आपका कभी न तोड़ूंगा,
चाहे हो जाओ कितना भी गुस्सा हमसे,
फिर भी आपसे कभी मुह नहीं मोडूगा।

सबसे ज्यादा गुस्सा खुद पर तब आता हैं,
जब प्यार भी हम करें, इंतज़ार भी हम करें,
जताये भी हम और रोयें भी हम।

गुस्सा तो तब होऊंगा तुम पर,
जब तुम साथ चलकर भी साथ ना दोगे,
अब तो तुम ही ना रहे मेरे,
तो जान गया हूं कि गम भी खुद ही सहने होगे।

उनका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है,
क्यूंकि ना तो उनका गुस्सा कम होता है और ना मेरा प्यार।

इश्क़ में शक और गुस्सा वही लोग करते हैं,
जो आपको खोने से डरते हैं,
और बात बात पर वही डरते हैं,
जो आपको दिल से प्यार करते हैं।

उसकी ये मासूम अदा मुझको बेहद भाती है,
वो मुझसे नाराज़ हो तो गुस्सा सबको दिखाती है।

ज्यादा गुस्सा करने से खूबसूरती कम हो जाती है,
जो हर बात पर गुस्सा ना करे, वही लड़की मुझे लुभाती है।

गुस्सा करता हूँ तुम पर,
तुमसे नाराज़ भी हो जाता हूँ,
लेकिन फिर भी यकीन मानो,
सिर्फ तुझे ही चाहता हूँ।

मैं गुस्सा करता हूँ तो तुम उदास होती हो,
अकेले में तुम सिसक-सिसक के रोती हो,
तुम भी ना रोती मेरे गुस्से पे गर पता होता तुमको,
परवाह तुम्हारी हर पल रहती मुझको।

किसी ने एक नाराज शख्स से पूछा की गुस्सा क्या है,
उसने बहुत खुबसूरत जवाब दिया,
दूसरे की गलती की सजा खुद को देना।

तुम्हे गुस्सा करने का हक़ है,
मुझ पर नाराजगी में,
ये मत भूल जाना कि हम,
बहुत प्यार करते है तुमसे।

तुम्हे गुस्सा करने का हक है मुझ पर,
नाराजगी में ये मत भूल जाना,
कि हम बहुत प्यार करते है तुमसे।

ए उम्र, तुझपर गुस्सा कर देना छोड़ दिया है हमने।
वरना दुनिया तो हर वक़्त एहसास दिलाती है तुम्हारा।

तेरे बाद जो भी रिश्ता बनेगा,
उसका नाम मजबूरी है,
छोड़ दो सब गुस्सा जान,
क्या दूर होना जरूरी है।

तुझे गुस्सा दिलाना भी एक साजिश है,
तेरा रुठ कर मुझ पर यूँ हक जताना प्यार सा लगता है।

गुस्सा तुमसे करता हूँ अपना समझ के,
इस बात का डर लगता है,
दूर न हो जाओ कही तुम मुझसे,
दूर न होना मुझको तुम बेगाना समझ के,
जीना मुश्किल हो जायेगा बिछड़ के तुझसे।

कभी वो गुस्सा करती हैं कभी हम गुस्सा करते हैं,
भूल जाते हैं हर बार पर दोबारा वही किस्सा करते हैं।

मुझसे लड़ो झगड़ो चाहे जितना भी,
लेकिन रिश्ता तोड़ मत देना,
मुझ पर गुस्सा करो चाहे कितना भी,
लेकिन हमें छोड़ मत देना।

उसके गुस्से पर भी हमें प्यार आता है,
और हम यह सोच कर मुस्करा दिया करते हैं,
की कोई तो है जो हम पर अपना हक जताता है।

गुस्सा नाराज़गी शिकायतें,
सब अपनो से होता हैं,
अफसोस तुम्हारी लापरवाही ने,
ये हक़ अब खो दिया।

गुस्सा करने के बाद भी कोई तुमसे प्यार करे,
तो यही मोहब्बत है यही चाहत है।

मेरा गुस्सा हो जाना,
और तुम्हारा मुझे हर बार मनाना,
किस्मत वालों को हीं मिलता है,
सच्चे प्यार का खजाना।

ना दिल के बुरे हैं हम,
ना कोई आदत बुरी है,
बस गुस्सा ही रोक नहीं पाते,
तुमसे दूर रहने की यही मजबूरी है।

ऊपर से गुस्सा दिल से प्यार करते हो,
नज़रें चुराते हो दिल बेक़रार करते हो,
लाख़ छुपाओ दुनिया से मुझे ख़बर है,
तुम मुझे ख़ुद से भी ज्यादा प्यार करते हो।

उसका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है,
क्योंकि ना तो उसका गुस्सा कम होता है,
और ना मेरा प्यार।

मुझे तेरे गुस्से से डर नहीं लगता,
तेरा गुस्सा में झेल लेती हूँ,
हाँ, दिल तो दुखता है तेरे गुस्से से,
लेकिन तुझे खोने के डर से चुप रहती हूँ।

गुस्सा न करो इतना कि वो शिकायत बन जाये,
रहो न दूर इतना के हम अकेले हो जाये,
दुनिया का एक रिवाज हमे भी पता है,
प्यार न करो किसी से इतना की वो जरुरत बन जाये।

गुस्सा इतना की कॉल नहीं उठाना,
मेसेज का रिप्लाइ नहीं करना और,
मोहब्बत इतनी की बार बार चेक करना,
की कुछ मेरे लिए पोस्ट किया की नही।

तुम कभी कभी गुस्सा कर लिया करो,
मुझ पर मेरे सनम यकीन हो जाता है,
कि तुम मुझे अपना तो समझते हो।




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