इतनी फुर्सत किसको है,
जो हमारी याद में आंसू बहाये,
कोई नहीं इस दुनिया में,
जो हमे इस तरह से चाहे।
कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा,
कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा,
मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है,
मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा।
हमें सताने की जरुरत क्या थी,
दिल मेरा जलाने की जरुरत क्या थी,
इश्क़ नहीं था मुझसे तो कह दिया होता,
मजाक मेरा यु बनाने की जरुरत क्या थी।
दिल से खेलना तो हमे भी आता है,
लेकिन जिस खैल मे खिलौना टुट जाए,
वो खेल हमे पसंद नही।
बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता,
तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता,
जब बी देखता वो अपने हाथों को,
उसे हमारा ख़याल तो आया होता।