बहुत समझाती हूँ मैं इस दिल को की,
जिस रास्ते मैं कांटे हो उस रस्ते नहीं जाना है,
वहां धोके की दुनिया है और धोखा नहीं खाना है।
एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,
जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे,
वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा,
हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे।
बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता,
तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता,
जब बी देखता वो अपने हाथों को,
उसे हमारा ख़याल तो आया होता।
दिल से खेलना तो हमे भी आता है,
लेकिन जिस खैल मे खिलौना टुट जाए,
वो खेल हमे पसंद नही।
तुज़से दोस्ती करने का हिसाब ना आया,
मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया,
हम तो जागते रहे तेरे ही ख़यालो मे,
और तुझे सो कर भी हमारा ख्वाब ना आया।
आज हम है कल हमारी यादें होगी,
जब हम न होंगे तब हमारी बातें होगी,
कभी पल्टाओगे ज़िन्दगी के ये पन्ने तो,
शायद आप की आँखों से भी बारिश होगी।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।