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Home 1 Line Shayari 1 Line Shayari in Hindi - 1 लाइन शायरी इन हिंदी

कोई रोता बस उसीके लिए है जिससे वो सच्चा प्यार करता है

कोई रोता बस उसीके लिए है जिससे वो सच्चा प्यार करता हैकोई रोता बस उसीके लिए है जिससे वो सच्चा प्यार करता है।

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मेरी आम सी जिंदगी में बहुत खास हो तुममेरी आम सी जिंदगी में बहुत खास हो तुम।

रात यूँ सांस रुक गयी मेरी तू मुझे भूल गया हो जैसेरात यूँ सांस रुक गयी मेरी, तू मुझे भूल गया हो जैसे।

नज़र अंदाज़ करते है वो मतलब हम नज़र में तो हैनज़र अंदाज़ करते है वो, मतलब हम नज़र में तो है।

मैं धीरे चलता हूं लेकिन कभी भी पीछे की ओर नहीं चलतामैं धीरे चलता हूं, लेकिन कभी भी पीछे की ओर नहीं चलता।

बात तुम्हारी होती है जरूर कोई बात होगीबात तुम्हारी होती है, जरूर कोई बात होगी।

भूखा पेट और हल्का जेब जीवन में बहुत कुछ सिखा जाते हैंभूखा पेट और हल्का जेब जीवन में बहुत कुछ सिखा जाते हैं।

दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है दोस्तों ने भी क्या कमी की हैदुश्मनों ने जो दुश्मनी की है, दोस्तों ने भी क्या कमी की है।

चलो मर जाते हैं तुम पर बताओ दफ़न करोगे सीने मेंचलो मर जाते हैं तुम पर, बताओ दफ़न करोगे सीने में।

बहाना कोई तो ए जिंदगी दे की जीने के लिए मजबूर हो जाऊबहाना कोई तो ए जिंदगी दे, की जीने के लिए मजबूर हो जाऊ।

उम्र चाहे कितनी भी हो सुना है दिल पर झुर्रियां नहीं पड़तीउम्र चाहे कितनी भी हो, सुना है दिल पर झुर्रियां नहीं पड़ती।

किसी का दिल ना दुखाओ क्योंकि तुम भी दिल रखते होकिसी का दिल ना दुखाओ, क्योंकि तुम भी दिल रखते हो।

जब वक़्त जवाब देता है तब गवाहो की जरूरत नहीं होतीजब वक़्त जवाब देता है, तब गवाहो की जरूरत नहीं होती।

खैर कुछ तो किया उसने चलो तबाह ही सहीखैर कुछ तो किया उसने, चलो तबाह ही सही।

कहा जख्म खोल बैठा पगले ये शहर नमक का हैकहा जख्म खोल बैठा पगले, ये शहर नमक का है।

ना अर्ज़ है ना अर्जी है इश्क की अपनी मनमर्जी हैना अर्ज़ है ना अर्जी है, इश्क की अपनी मनमर्जी है।

काश ऐसी भी हवा चले कौन किसका है पता तो चलेकाश ऐसी भी हवा चले, कौन किसका है पता तो चले।

बात उन्हीं की होती है जिनमें कोई बात होती हैबात उन्हीं की होती है, जिनमें कोई बात होती है।

उसके इंतजार में साल नहीं हम ही बीत गएउसके इंतजार में साल नहीं हम ही बीत गए।

एक हार से कोई फ़क़ीर और एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनताएक हार से कोई फ़क़ीर, और एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता।

खिलाफ कितने हैं ये मुद्दा नहीं बस साथ कितने हैं ये जरूरी हैंखिलाफ कितने हैं ये मुद्दा नहीं बस साथ कितने हैं ये जरूरी हैं।


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