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Home 1 Line Shayari 1 Line Shayari in Hindi - 1 लाइन शायरी इन हिंदी

मैं धीरे चलता हूं लेकिन कभी भी पीछे की ओर नहीं चलता

मैं धीरे चलता हूं लेकिन कभी भी पीछे की ओर नहीं चलतामैं धीरे चलता हूं, लेकिन कभी भी पीछे की ओर नहीं चलता।

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बहुत खूबसूरत है मोहब्बत अगर साथ निभाने वाला सच्चा होबहुत खूबसूरत है मोहब्बत, अगर साथ निभाने वाला सच्चा हो।

उसके इंतजार में साल नहीं हम ही बीत गएउसके इंतजार में साल नहीं हम ही बीत गए।

कोई रोता बस उसीके लिए है जिससे वो सच्चा प्यार करता हैकोई रोता बस उसीके लिए है जिससे वो सच्चा प्यार करता है।

चलो मर जाते हैं तुम पर बताओ दफ़न करोगे सीने मेंचलो मर जाते हैं तुम पर, बताओ दफ़न करोगे सीने में।

तेरे चेहरे पे मुस्कान जान है हमारीतेरे चेहरे पे मुस्कान, जान है हमारी।

मैं रहूं या ना रहूं तुम मुझमें कहीं बाकी रहनामैं रहूं या ना रहूं, तुम मुझमें कहीं बाकी रहना।

आज मेरी माँ ने बताया मुझे बचपन मे कभी मै भी हँसता थाआज मेरी माँ ने बताया मुझे, बचपन मे कभी मै भी हँसता था।

मैं धीरे चलता हूं लेकिन कभी भी पीछे की ओर नहीं चलतामैं धीरे चलता हूं, लेकिन कभी भी पीछे की ओर नहीं चलता।

ए दर्द कुछ तो डिस्काउंट दे मैं तेरा रोज़ का ग्राहक हूँए दर्द कुछ तो डिस्काउंट दे, मैं तेरा रोज़ का ग्राहक हूँ।

एक तस्वीर जलानी है अभी हाँ मगर आँख में पानी है अभीएक तस्वीर जलानी है अभी, हाँ मगर आँख में पानी है अभी।

दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है दोस्तों ने भी क्या कमी की हैदुश्मनों ने जो दुश्मनी की है, दोस्तों ने भी क्या कमी की है।

ख़ामोशी चिल्लाने लगती है इस भीड़ को देख करख़ामोशी चिल्लाने लगती है इस भीड़ को देख कर।

यादें क्यों नहीं बिछड़ जाती लोग तो पल में बिछड़ जाते हैंयादें क्यों नहीं बिछड़ जाती, लोग तो पल में बिछड़ जाते हैं।

कुछ लोग जाहिर नहीं करते लेकिन परवाह बहुत करते हैंकुछ लोग जाहिर नहीं करते लेकिन परवाह बहुत करते हैं।

वो मेरी आखिरी सरहद हो जैसे सोच जाती ही नहीं उससे आगेवो मेरी आखिरी सरहद हो जैसे, सोच जाती ही नहीं उससे आगे।

कहा जख्म खोल बैठा पगले ये शहर नमक का हैकहा जख्म खोल बैठा पगले, ये शहर नमक का है।

तेरे चेहरे पर हलकी मुस्कान मिटा देती है दिन का थकानतेरे चेहरे पर हलकी मुस्कान, मिटा देती है दिन का थकान।

मसला मेरे दर्द का नहीं मुद्दा तेरी परवाह की है मेरे दोस्तमसला मेरे दर्द का नहीं, मुद्दा तेरी परवाह की है मेरे दोस्त।

खो गए वो रिश्ते जिन्हें हद से ज़्यादा संभाल कर रखाखो गए वो रिश्ते, जिन्हें हद से ज़्यादा संभाल कर रखा।

खिलाफ कितने हैं ये मुद्दा नहीं बस साथ कितने हैं ये जरूरी हैंखिलाफ कितने हैं ये मुद्दा नहीं बस साथ कितने हैं ये जरूरी हैं।


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