प्यार करके जताए ये जरुरी तो नहीं,
याद करके कोई बताए ये जरुरी तो नहीं,
रोने वाले तो दिल में ही रो लेता है,
आँख में आंसू आए ये जरुरी तो नहीं।
इंतजार उसका जिस को अहसास तक नहीं,
एक शाम की मुलाकात को इश्क़ समझ बैठे।
पता ही नहीं चला कब वो दोस्त से प्यार बन गया,
साथ गुजरा हुआ कुछ पल आज यादगार बन गया,
कर न सके उनसे इज़हार हम इस बात का,
और देखते ही देखते वह किसी और के दिलदार बन गया।
आवाज नहीं होती दिल टूटने की,
लेकिन तकलीफ बहुत होती है।
हमने सोचा था की बताएँगे सब दुःख दर्द तुमको,
पर तुमने तो इतना भी ना पूछा की खामोश क्यूँ हो।
कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा,
कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा,
मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है,
मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा।
मिल जायेगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला,
अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता।
दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो,
थोड़ा सा तो रहने दो, मुझ पर एहसान अपना।
खफा रहने का शौक भी पूरा कर लो तुम,
लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते।
बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता,
तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता,
जब बी देखता वो अपने हाथों को,
उसे हमारा ख़याल तो आया होता।