बहुत समझाती हूँ मैं इस दिल को की,
जिस रास्ते मैं कांटे हो उस रस्ते नहीं जाना है,
वहां धोके की दुनिया है और धोखा नहीं खाना है।
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता।
प्यार करके जताए ये जरुरी तो नहीं,
याद करके कोई बताए ये जरुरी तो नहीं,
रोने वाले तो दिल में ही रो लेता है,
आँख में आंसू आए ये जरुरी तो नहीं।
बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता,
तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता,
जब बी देखता वो अपने हाथों को,
उसे हमारा ख़याल तो आया होता।
हाल ऐ दिल बयां ना कर पाएंगे,
ज़िन्दगी तुझ बिन किस तरह बिताएंगे,
हमको आता ही नहीं जीना तेरे बगैर,
हम तो तुम्हारे बिन मर ही जायेंगे।