ज़ख्म दे कर ना पूछ तू मेरे दर्द की शिद्दत,
दर्द तो फिर दर्द है कम क्या ज्यादा क्या,
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहुत है,
और हम थक गए दर्द छिपाते छिपाते।
दिल को ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई शिकवा नहीं,
और कितने अश्क बहाऊँ अब उस के लिए,
जिसको खुदा ने मेरी किस्मत में लिखा ही नहीं।
दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया,
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया।
आँसू आ जाते है रोने से पहले,
ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले,
लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है,
काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।
अब भी ताज़ा है जख्म सिने में,
बिन तेरे क्या रखा है जीने में,
हम तो जिन्दा है तेरा साथ पाने को,
वर्ना देर नहीं लगती है जहर पीने में।
मोहब्बत की कश्ती में
सोच समझ कर सवार होना मेरे दोस्त,
जब ये चलती है तो किनारा नहीं मिलता,
और जब डूबती है तो सहारा नहीं मिलता।
पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,
दिल में क्या है वो बात नही समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती।
तेरे बिना तनहा हम रहने लगे है,
दर्द के तुफानो को सहने लगे है,
बदल गई है इस कदर मेरी जिंदगी,
अश्क बनकर पलकों से बहने लगे है।
तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके,
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,
तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी,
और हम थे की इंकार न कर सके।
रोया है बहुत तब जरा करार मिला है,
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है,
गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से,
एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।
दर्द कितने है बता नहीं सकता,
ज़ख़्म कितने है दिखा नहीं सकता,
आँखों से समझ सको तो समझ लो,
आंसू गिरें है कितने, गिना नहीं सकता।
अगर वो खुश है देखकर आंसू मेरी आंखों में,
तो रब की कसम हम मुस्कुराना छोड़ देंगे,
तड़पते रहेंगे उसे देखने के लिए,
लेकिन उसकी तरफ नज़रें उठाना छोड़ देंगे।
रोना पड़ता है मुस्कुराने के बाद,
याद आते है वो दूर जाने के बाद,
दिल तो दुखता है उसी के लिए,
जो अपना ना हो सके इतनी मोहब्बत जताने के बाद।
आँखों के सागर में ये जलन है कैसी,
आज दिल को तड़पने की लगन है कैसी,
बर्फ की तरह पिघल जायेगी जिंदगी,
ये तेरी दूर रहने की कसम है कैसी।
आईना देखोगे तो मेरी याद आएगी,
साथ गुज़री वो मुलाकात याद आएगी,
पल भर क लिए वक़्त ठहर जाएगा,
जब आपको मेरी कोई बात याद आएगी।
रेत पर नाम कभी लिखते नहीं,
रेत पर नाम कभी टिकते नहीं,
लोग कहते है कि हम पत्थर दिल है,
लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं।
वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था,
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था,
मोहोब्बत में नफरत मिली थी उसे भी,
जो हर शक्स को बेवफा लिख रहा था।
बड़ी आसानी से दिल लगाए जाते है,
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते है,
ले जाती है मोहब्बत उन राहों पर,
जहाँ दीये नहीं दिल जलाए जाते है।
इस बहते दर्द को मत रोको,
यह तो सज़ा है किसी के इंतज़ार की,
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी,
पर यह तो निशानी है किसी के प्यार की।
जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते है,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते है,
झूठा ही सही मेरे यार का वादा,
हम सच मान कर ऐतबार करते है।