बिन बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी,
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी,
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ,
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
अगर फुर्सत के लम्हों में
मुझे याद करते हो तो अब मत करना,
क्योंकि मैं तन्हा जरूर हूँ
मगर फ़िज़ूल बिलकुल नहीं।
तेरे बिना तनहा हम रहने लगे है,
दर्द के तुफानो को सहने लगे है,
बदल गई है इस कदर मेरी जिंदगी,
अश्क बनकर पलकों से बहने लगे है।
ज़ख्म दे कर ना पूछ तू मेरे दर्द की शिद्दत,
दर्द तो फिर दर्द है कम क्या ज्यादा क्या,
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहुत है,
और हम थक गए दर्द छिपाते छिपाते।
मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी,
खुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन,
उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी।
ज़ख्म जब मेरे सीने के भर जाएंगे,
आंसू भी मोती बन के बिखर जाएंगे,
ये मत पूछना किसने दर्द दिया,
वरना कुछ अपनों के सर झुक जाएंगे।
अगर वो खुश है देखकर आंसू मेरी आंखों में,
तो रब की कसम हम मुस्कुराना छोड़ देंगे,
तड़पते रहेंगे उसे देखने के लिए,
लेकिन उसकी तरफ नज़रें उठाना छोड़ देंगे।
दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया,
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया।
अब ये भी नहीं ठीक के हर दर्द मिटा दें,
कुछ दर्द तो कलेजे से लगाने के लिए है,
ये इल्म का सौदा, ये रिसाले, ये किताबें,
एक शख्स की यादों को भुलाने के लिए है।
तुझे इस तरह यू भुला ना सकेंगे,
तेरे अलावा किसी की अपना ना सकेंगे,
तू ही मेरी ज़िन्दगी मेरी जान है,
तेरी मोहब्बत का दाग हम धुला ना सकेंगे।
मरना चाहें तो मर नहीं सकते,
तुम भी जीना मुहाल करते हो,
अब किस-किस की मिसाल दूँ तुम को,
हर सितम बे-मिसाल करते हो।
यूँ तो हर एक दिल में दर्द नया होता है,
बस बयान करने का अंदाज़ जुदा होता है,
कुछ लोग आँखों से दर्द को बहा लेते है,
और किसी की हँसी में भी दर्द छुपा होता है।
रोया है बहुत तब जरा करार मिला है,
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है,
गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से,
एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते है इस तरह प्यार नहीं होता।
मैं जानता हु तेरा इश्क मेरी किसमत में नहीं लेकिन,
फिर भी मैं तुझपे अपनी ज़िन्दगी लुटाना चाहता हु,
अपनी मोहब्बत से मोहब्बत बिना पाए कैसे करते है,
मैं इस युग के दीवानों को सिखाना चाहता हु।
कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते,
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते।
आरज़ू ये नहीं कि ग़म का तूफ़ान टल जाये,
फ़िक्र तो ये है कि कहीं आपका दिल न बदल जाये.
कभी मुझको अगर भुलाना चाहो तो,
दर्द इतना देना कि मेरा दम ही निकल जाये।
तड़प के देख किसी की चाहत में,
तो पता चले के इंतज़ार क्या होता है,
यु मिल जाए अगर कोई बिना तड़प के,
तो कैसे पता चले के प्यार क्या होता है।
एक तरफ हम है जो अपनी जिद पर अड़े है,
और एक तरफ हमारी जिंदगी जिसे हारना पसंद नहीं है,
वो चले थे तोड़ने हमे शीशा समझकर,
पर वो शायद भूल गए पथकर को तोडना आसान नहीं है।
प्यार-मोहब्बत की बस इतनी सी कहानी है,
इक टूटी हुई कश्ती और ठहरा हुआ पानी है,
इक फूल जो किताबों में कहीं दम तोड़ चुका है,
कुछ याद नहीं आता किसकी निशानी है।