अब भी ताज़ा है जख्म सिने में,
बिन तेरे क्या रखा है जीने में,
हम तो जिन्दा है तेरा साथ पाने को,
वर्ना देर नहीं लगती है जहर पीने में।
तुम्हारे दूर जाने के बाद
हम किसी का इंतज़ार नहीं करेंगे,
मेरी जान तुम्हारी कसम
हम ज़िन्दगी में दुबारा कभी प्यार नहीं करेंगे।
मैंने खुदा से पूछा वो क्यों छोड़ गया मुझे,
उसकी क्या मजबूरी थी,
खुदा ने कहा न कसूर तेरा था न गलती उसकी थी,
मैंने ये कहानी लिखी ही अधूरी थी।
आँखों के सागर में ये जलन है कैसी,
आज दिल को तड़पने की लगन है कैसी,
बर्फ की तरह पिघल जायेगी जिंदगी,
ये तेरी दूर रहने की कसम है कैसी।
जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते है,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते है,
झूठा ही सही मेरे यार का वादा,
हम सच मान कर ऐतबार करते है।
आईना देखोगे तो मेरी याद आएगी,
साथ गुज़री वो मुलाकात याद आएगी,
पल भर क लिए वक़्त ठहर जाएगा,
जब आपको मेरी कोई बात याद आएगी।
बिन बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी,
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी,
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ,
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
हाले दिल वो प्यार से पूछने आए,
मेरी कमजोरी को वो परखने आए,
कौन क्या है कहना मुश्किल है,
लोग ऐसे-ऐसे मेरे सामने आए।
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा,
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा,
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला,
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा।
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दे,
कुछ दर्द तो कलेजे से लगाने के लिए है,
यह इल्म का सौदा, ये रिसाले, ये किताबे,
इक शख्स की यादों को भुलाने के लिए है।
अगर वो खुश है देखकर आंसू मेरी आंखों में,
तो रब की कसम हम मुस्कुराना छोड़ देंगे,
तड़पते रहेंगे उसे देखने के लिए,
लेकिन उसकी तरफ नज़रें उठाना छोड़ देंगे।
आँसू आ जाते है रोने से पहले,
ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले,
लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है,
काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।
तुझे इस तरह यू भुला ना सकेंगे,
तेरे अलावा किसी की अपना ना सकेंगे,
तू ही मेरी ज़िन्दगी मेरी जान है,
तेरी मोहब्बत का दाग हम धुला ना सकेंगे।
पत्थरों से प्यार किया क्योंकि नादान थे हम,
गलती हुई क्योंकि इंसान थे हम,
आज जिन्हें हमसे नजरे मिलाने में तकलीफ होती है,
कल उसी इंसान की जान थे हम।
तड़प के देख किसी की चाहत में,
तो पता चले के इंतज़ार क्या होता है,
यु मिल जाए अगर कोई बिना तड़प के,
तो कैसे पता चले के प्यार क्या होता है।
मरना चाहें तो मर नहीं सकते,
तुम भी जीना मुहाल करते हो,
अब किस-किस की मिसाल दूँ तुम को,
हर सितम बे-मिसाल करते हो।
ज़ख्म दे कर ना पूछ तू मेरे दर्द की शिद्दत,
दर्द तो फिर दर्द है कम क्या ज्यादा क्या,
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहुत है,
और हम थक गए दर्द छिपाते छिपाते।
रोया है बहुत तब जरा करार मिला है,
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है,
गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से,
एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।
ये दर्द अगर काजल होता तो आँखों में लगा लेते,
दर्द अगर आँचल होता तो अपने सर पर सजा लेते,
दर्द अगर समुंदर होता तो दिल को हम साहिल बना लेते,
और दर्द अगर तेरी मोहब्बत होती,
तो उसको चाहत-ऐ ला हासिल बना लेते।
मैं जानता हु तेरा इश्क मेरी किसमत में नहीं लेकिन,
फिर भी मैं तुझपे अपनी ज़िन्दगी लुटाना चाहता हु,
अपनी मोहब्बत से मोहब्बत बिना पाए कैसे करते है,
मैं इस युग के दीवानों को सिखाना चाहता हु।