काश कोई ऐसी सुबह मिले मुकद्दर मैं,
आँख जो खुले तेरी चूड़ियों की छन-छन से।
फूलों की वादियों में हो बसेरा तेरा,
सितारों के आँगन में हो घर तेरा,
दुआ है एक दोस्त की एक दोस्त को,
कि तुझ से भी खूबसूरत हो सवेरा तेरा।
अँधेरी रात गयी हैं चमकता दिन खिला हैं,
पुरे जहा में मैंने सिर्फ आपको चुना हैं।
हमारी तो दुआ है, कोई गिला नहीं,
वो गुलाब जो आज तक खिला नहीं,
आज के दिन आपको वो सब कुछ मिले,
जो आज तक किसी को कभी मिला नहीं।
सूरज निकलते ही पुरी दुनिया अपने कामों में व्यस्त होती है,
आँखें खुलते ही हमारे दिल में एक हलचल होती है,
सदा ख़ुशियाँ बनी रहें तुम्हारे आंगन में,
इसी दुआ के साथ मेरी आँखें बंद होती है ।
फूलों की तरह खिलते रहो,
सूरज की तरह चमकते रहो,
और सारा दिन आप हँसते रहो।
तुम नहीं होते तो हम कब का खो गए होते,
अपने इस जीवन से बहुत पहले ही रूसवा हो गए होते,
वैसे तो हम उठे हैं तुम्हे “गुड मॉर्निंग” कहने के लिए,
वर्ना अब तक तो हम सो रहे होते।
अपने आप को बदलने से ही होता हैं नया दिन,
सिर्फ सूरज के निकल जाने से नहीं होता हैं नया दिन।
सूरज निकलने का समय हो गया,
कलियों के खिलने का समय हो गया,
मीठी नींद से जागो मेरी मोहब्बत,
आपके सपने सच होने का वक़्त हो गया हैं !
आपकी नयी सुबह इतनी सुहानी हो जाये,
दुखों की सारी बातें आपकी पुरानी हो जायें,
दे जाये इतनी खुशियां यह नया दिन,
कि ख़ुशी भी आपकी दीवानी हो जाये।