पता ही नहीं चला कब वो दोस्त से प्यार बन गया,
साथ गुजरा हुआ कुछ पल आज यादगार बन गया,
कर न सके उनसे इज़हार हम इस बात का,
और देखते ही देखते वह किसी और के दिलदार बन गया।
आवाज नहीं होती दिल टूटने की,
लेकिन तकलीफ बहुत होती है।
हाथ थामकर तुम्हारा नाव पर सवार हो गयी थी मैं,
अब जो छोड़ोगे हाथ बीच भँवर में तो कहाँ जाऊंगी मैं।
दिल पर किसी के यु ऐतबार न करो,
दिल से किसी का इंतज़ार न करो,
कांटे ही कांटे है इस राह में,
हद से भी ज़्यादा किसी से प्यार न करो।
प्यार करके जताए ये जरुरी तो नहीं,
याद करके कोई बताए ये जरुरी तो नहीं,
रोने वाले तो दिल में ही रो लेता है,
आँख में आंसू आए ये जरुरी तो नहीं।
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता।
हर रात जान बूझकर रखती हूँ दरवाज़ा खुला,
शायद कोई लुटेरा मेरा गम भी लूट ले।
ये दिल अब किसी का ऐतबार नहीं करता,
करता है नफ़रतें मगर प्यार नहीं करता।
इस तरह चुपचाप से बिताई है ज़िंदगी मैंने,
धड़कन को भी खबर न लगी कि दिल रो रहा है।
पता ही नहीं चला कब वो दोस्त से प्यार बन गया,
साथ गुजरा हुआ कुछ पल आज यादगार बन गया,
कर न सके उनसे इज़हार हम इस बात का,
और देखते ही देखते वह किसी और के दिलदार बन गया।
ग़म हूँ, दर्द हूँ, साज़ हूँ, या आवाज़ हूँ,
बस जो भी हूँ तुम बिन बहुत उदास हूँ।