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Home Maa Shayari in Hindi & English Maa Shayari in Hindi - माँ शायरी हिंदी में

माँ खुद भूखी होती है मुझे खिलाती है

माँ खुद भूखी होती है मुझे खिलाती हैमाँ खुद भूखी होती है, मुझे खिलाती है,
खुद दुःखी होती है, मुझे चैन की नींद सुलाती है।

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बिन कहे आँखों में सब पढ़ लेती हैबिन कहे आँखों में सब पढ़ लेती है,
बिन कहे जो गलती माफ़ कर दे वो माँ है।

इन चलती फिरती आँखों से दुनिया देखी हैइन चलती फिरती आँखों से दुनिया देखी है,
मेने जन्नत तो नही देखी लेकिन माँ देखी है।

मुझे फर्क नही पड़ता ये दुनिया मुझे क्या कहती मुझे फर्क नही पड़ता ये दुनिया मुझे क्या कहती है,
में बहुत अच्छा हु, माँ ये मेरी कहती है।

बिना हुनर के भी वो चार औलाद पाल लेती हैबिना हुनर के भी वो चार औलाद पाल लेती है,
कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।

रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिएरूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए,
चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है।

हमारे कुछ गुनाहों की सजा भी साथ चलती हैहमारे कुछ गुनाहों की सजा भी साथ चलती है,
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है,
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है।

मंज़िल दूर और सफ़र बहुत हैमंज़िल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटी सी जिंदगी की फिकर बहुत है,
मार डालती ये दुनिया कब की हमें,
लेकिन माँ की दूवाओं में असर बहुत है।

चलती फिरती आंखों से अजां देखी हैचलती फिरती आंखों से अजां देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी लेकिन मां देखी है।

माँ की दुआएँ ज़िन्दगी बना देंगीमाँ की दुआएँ ज़िन्दगी बना देंगी,
खुद रोएगी पर तुम्हें हंसा देगी,
कभी ना रुलाना अपनी माँ को,
ये गलती पूरा अर्श हिला देगी।

मां तेरे एहसास की खुशबू हमेशा ताजा रहती हैमां तेरे एहसास की खुशबू हमेशा ताजा रहती है,
तेरी रहमत की बारिश से मुरादें भीग जाती है।

मां कहती नहीं लेकिन सब कुछ समझती हैमां कहती नहीं लेकिन सब कुछ समझती है,
दिल की और जुबां की दोनों भाषा समझती है।

माँ तो जन्नत का फूल है प्यार करना उसका उसूल हैमाँ तो जन्नत का फूल है प्यार करना उसका उसूल है,
दुनिया की मोहब्बत फिजूल है माँ की हर दुआ कबूल है,
माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है,
माँ के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है।

उसके चहरे पे न कभी थकावट देखी हैउसके चहरे पे न कभी थकावट देखी है,
न ममता में कभी मिलावट देखी है।

मेरी याद में माँ मेरी गिन लेती है दिन सारेमेरी याद में माँ मेरी, गिन लेती है दिन सारे,
फिर भला कैसे कह दू, अनपढ़ है माँ मेरी।

माँ मुझको लोरी सुना दो अपनी गोद में मुझे सुला लोमाँ मुझको लोरी सुना दो,
अपनी गोद में मुझे सुला लो,
वही चंदा मामा वाली,
सात खिलौनों वाली लोरी फिर से सुना दो।

जो शिक्षा का ज्ञान दे उसे शिक्षक कहते हैजो शिक्षा का ज्ञान दे उसे शिक्षक कहते है,
और जो खुशियों का वरदान दे उसे मां कहते है।

गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारे हैं कितनेगिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारे हैं कितने,
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।

माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओमाँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ,
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,
एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ।

उनके लिए हर मासूम हर बहार होता हैउनके लिए हर मासूम हर बहार होता है,
जिनके हिस्से में माँ का प्यार होता है।

ऐ खुदा तूने गुल को गुलशन में जगा दीऐ खुदा तूने गुल को गुलशन में जगा दी,
पानी को समुद्र में जगा दी,
तू उसे जन्नत में जगा देना,
जिसने मुझे नौ महीने अपने पेट मे जगा दी।


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