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Home Maa Shayari in Hindi & English Maa Shayari in Hindi - माँ शायरी हिंदी में

हमारे कुछ गुनाहों की सजा भी साथ चलती है

हमारे कुछ गुनाहों की सजा भी साथ चलती हैहमारे कुछ गुनाहों की सजा भी साथ चलती है,
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है,
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है।

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माँ से बढ़कर कोई नाम क्या होगामाँ से बढ़कर कोई नाम क्या होगा,
इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा,
जिसके पैरों के नीचे जन्नत है,
उसके सर का मक़ाम क्या होगा।

ऐ खुदा तूने गुल को गुलशन में जगा दीऐ खुदा तूने गुल को गुलशन में जगा दी,
पानी को समुद्र में जगा दी,
तू उसे जन्नत में जगा देना,
जिसने मुझे नौ महीने अपने पेट मे जगा दी।

मां तेरे एहसास की खुशबू हमेशा ताजा रहती हैमां तेरे एहसास की खुशबू हमेशा ताजा रहती है,
तेरी रहमत की बारिश से मुरादें भीग जाती है।

मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा झुक कर करू तेरा सजदामुझे माफ़ कर मेरे या खुदा,
झुक कर करू तेरा सजदा,
तुझसे भी पहले माँ मेरे लिए,
ना कर कभी मुझे माँ से जुदा।

खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखीखूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी,
जब मैंने मुस्कराती हुई माँ देखी।

दुनिया की मोहब्बत फिजूल है माँ की हर दुआ कबूल हैदुनिया की मोहब्बत फिजूल है,
माँ की हर दुआ कबूल है,
माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है,
माँ के कदमों की मिट्टी जन्नत की धूल है।

दुआ है रब से वो शाम कभी ना आएदुआ है रब से वो शाम कभी ना आए,
जब माँ दूर मुझसे हो जाए।

चलती फिरती आंखों से अजां देखी हैचलती फिरती आंखों से अजां देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी लेकिन मां देखी है।

इन चलती फिरती आँखों से दुनिया देखी हैइन चलती फिरती आँखों से दुनिया देखी है,
मेने जन्नत तो नही देखी लेकिन माँ देखी है।

वक़्त आँखों से जब नींदें चुरा लेता हैवक़्त आँखों से जब नींदें चुरा लेता है,
दर्द आँखों में घरौंदा बना लेता है,
ज़ख्म यादों के सिरहाने बैठ जाता है,
माँ की गोद तन्हाई को बना लेता है।

एक हस्ती है जो जान है मेरीएक हस्ती है जो जान है मेरी,
जो जान से भी बढ़कर शान है मेरी,
रब हुक्म दे तो कर दूं सजदा उसे,
क्योंकि वो कोई और नहीं माँ है मेरी।

माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओमाँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ,
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,
एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ।

न अपनों से खुलता है न ही गैरों से खुलता हैन अपनों से खुलता है न ही गैरों से खुलता है,
ये जन्नत का दरवाज़ा है माँ के पैरो से खुलता है।

मेरी याद में माँ मेरी गिन लेती है दिन सारेमेरी याद में माँ मेरी, गिन लेती है दिन सारे,
फिर भला कैसे कह दू, अनपढ़ है माँ मेरी।

किसी को जन्नत तो किसी को दो जहान चाहिएकिसी को जन्नत तो किसी को दो जहान चाहिए,
किसी को धन दौलत तो किसी को मकान चाहिए,
मुझे नहीं गरज़ इन नेअमतों की या रब,
जिसकी खिदमत से मिले सब वो माँ चाहिए।

मां की दुआ को क्या नाम दूंमां की दुआ को क्या नाम दूं,
उसका हाथ हो सर पर तो मुकद्दर जाग उठता है।

ज़िंदगी में उसका दुलार काफ़ी हैज़िंदगी में उसका दुलार काफ़ी है,
सर पर उसका हाथ काफी है,
दूर हो या पास क्या फर्क पड़ता है,
माँ का तो बस एहसास ही काफ़ी है।

माँ कर देती है पर गिनाती नहीं हैमाँ कर देती है पर गिनाती नहीं है,
वो सह लेती है पर सुनाती नहीं है।

पेट पर लात खाके फिर भी प्यार लुटाती हैपेट पर लात खाके फिर भी प्यार लुटाती है,
एक माँ ही है जो सच्चे प्यार की मूरत कहलाती है।

सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाएसर पर जो हाथ फेरे, तो हिम्मत मिल जाए,
माँ एक बार मुस्कुरा दे, तो जन्नत मिल जाए।


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