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Home Maa Shayari in Hindi & English Maa Shayari in Hindi - माँ शायरी हिंदी में

रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए

रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिएरूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए,
चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है।

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ज़िंदगी में उसका दुलार काफ़ी हैज़िंदगी में उसका दुलार काफ़ी है,
सर पर उसका हाथ काफी है,
दूर हो या पास क्या फर्क पड़ता है,
माँ का तो बस एहसास ही काफ़ी है।

एक हस्ती है जो जान है मेरीएक हस्ती है जो जान है मेरी,
जो जान से भी बढ़कर शान है मेरी,
रब हुक्म दे तो कर दूं सजदा उसे,
क्योंकि वो कोई और नहीं माँ है मेरी।

गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारे हैं कितनेगिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारे हैं कितने,
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।

सख्त राहों में भी आसान सफर लगता हैसख्त राहों में भी आसान सफर लगता है,
यह मेरी माँ की दुआओं का ही असर लगता है।

बिना हुनर के भी वो चार औलाद पाल लेती हैबिना हुनर के भी वो चार औलाद पाल लेती है,
कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।

सोच बदल कर देखिए जिंदगी बदल जाएगीसोच बदल कर देखिए जिंदगी बदल जाएगी,
मंदिर में किसे खुश करने जाते है,
जब भगवान घर में ही उदास बैठे है।

मैं सब कुछ ‪भूल सकता हूँ तुम्हे नहीं माँमैं सब कुछ ‪भूल सकता हूँ, तुम्हे नहीं माँ,
मुस्कुराने की वजह ‪सिर्फ‬ तुम हो।

सोच समझ कर बर्बाद करना मुझेसोच समझ कर बर्बाद करना मुझे,
बहुत प्यार से पाला है मेरी माँ ने मुझे।

रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिएरूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए,
चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है।

मुझे फर्क नही पड़ता ये दुनिया मुझे क्या कहती मुझे फर्क नही पड़ता ये दुनिया मुझे क्या कहती है,
में बहुत अच्छा हु, माँ ये मेरी कहती है।

एक दुनिया हैं जो समझाने से भी नहीं समझतीएक दुनिया हैं जो समझाने से भी नहीं समझती,
एक माँ थी बिन बोले सब समझ जाती थी।

मेरी तकदीर में कभी कोई गम नहीं होतामेरी तकदीर में कभी कोई गम नहीं होता,
अगर तकदीर लिखने का हक मेरी माँ को होता।

मां कहती नहीं लेकिन सब कुछ समझती हैमां कहती नहीं लेकिन सब कुछ समझती है,
दिल की और जुबां की दोनों भाषा समझती है।

न अपनों से खुलता है न ही गैरों से खुलता हैन अपनों से खुलता है न ही गैरों से खुलता है,
ये जन्नत का दरवाज़ा है माँ के पैरो से खुलता है।

इन चलती फिरती आँखों से दुनिया देखी हैइन चलती फिरती आँखों से दुनिया देखी है,
मेने जन्नत तो नही देखी लेकिन माँ देखी है।

माँ कर देती है पर गिनाती नहीं हैमाँ कर देती है पर गिनाती नहीं है,
वो सह लेती है पर सुनाती नहीं है।

जब भी गन्दा होता हूँ मैं वो साफ़ कर देती हैजब भी गन्दा होता हूँ मैं वो साफ़ कर देती है,
अपनी हर संतान के साथ इन्साफ कर देती है,
नाराज होना तो फितरत होती है औलादों की,
माँ से जब भी माफ़ी मांगो हर खता माफ़ कर देती है।

पेट पर लात खाके फिर भी प्यार लुटाती हैपेट पर लात खाके फिर भी प्यार लुटाती है,
एक माँ ही है जो सच्चे प्यार की मूरत कहलाती है।

हमारे कुछ गुनाहों की सजा भी साथ चलती हैहमारे कुछ गुनाहों की सजा भी साथ चलती है,
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है,
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है।

माँ से बढ़कर कोई नाम क्या होगामाँ से बढ़कर कोई नाम क्या होगा,
इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा,
जिसके पैरों के नीचे जन्नत है,
उसके सर का मक़ाम क्या होगा।


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