माँ खुद भूखी होती है, मुझे खिलाती है,
खुद दुःखी होती है, मुझे चैन की नींद सुलाती है।
हमारे कुछ गुनाहों की सजा भी साथ चलती है,
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है,
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है।
है एक कर्ज़ जो हर दम सवार रहता है,
वो माँ का प्यार है . सब पर उधार रहता है।
माँ से बढ़कर कोई नाम क्या होगा,
इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा,
जिसके पैरों के नीचे जन्नत है,
उसके सर का मक़ाम क्या होगा।
इन चलती फिरती आँखों से दुनिया देखी है,
मेने जन्नत तो नही देखी लेकिन माँ देखी है।
मां तेरे एहसास की खुशबू हमेशा ताजा रहती है,
तेरी रहमत की बारिश से मुरादें भीग जाती है।
दुआ है रब से वो शाम कभी ना आए,
जब माँ दूर मुझसे हो जाए।
सोच बदल कर देखिए जिंदगी बदल जाएगी,
मंदिर में किसे खुश करने जाते है,
जब भगवान घर में ही उदास बैठे है।
एक हस्ती है जो जान है मेरी,
जो जान से भी बढ़कर शान है मेरी,
रब हुक्म दे तो कर दूं सजदा उसे,
क्योंकि वो कोई और नहीं माँ है मेरी।
मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा,
झुक कर करू तेरा सजदा,
तुझसे भी पहले माँ मेरे लिए,
ना कर कभी मुझे माँ से जुदा।
माँ तो जन्नत का फूल है प्यार करना उसका उसूल है,
दुनिया की मोहब्बत फिजूल है माँ की हर दुआ कबूल है,
माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है,
माँ के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है।
सख्त राहों में भी आसान सफर लगता है,
यह मेरी माँ की दुआओं का ही असर लगता है।
माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ,
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,
एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ।
माँ मैं तुझको खोना नहीं चाहती,
तुझे देख रोना नहीं चाहती,
तुझ से जुड़ गया है दिल मेरा,
तुझे छोड़ कुछ पाना नही चाहती।
जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,
में खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ।
माँ मुझको लोरी सुना दो,
अपनी गोद में मुझे सुला लो,
वही चंदा मामा वाली,
सात खिलौनों वाली लोरी फिर से सुना दो।
उसके चहरे पे न कभी थकावट देखी है,
न ममता में कभी मिलावट देखी है।
मेरी तकदीर में कभी कोई गम नहीं होता,
अगर तकदीर लिखने का हक मेरी माँ को होता।
रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए,
चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है।
मैं सब कुछ भूल सकता हूँ, तुम्हे नहीं माँ,
मुस्कुराने की वजह सिर्फ तुम हो।