हमारे कुछ गुनाहों की सजा भी साथ चलती है,
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है,
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है।
मां तेरे एहसास की खुशबू हमेशा ताजा रहती है,
तेरी रहमत की बारिश से मुरादें भीग जाती है।
जो शिक्षा का ज्ञान दे उसे शिक्षक कहते है,
और जो खुशियों का वरदान दे उसे मां कहते है।
मेरी याद में माँ मेरी, गिन लेती है दिन सारे,
फिर भला कैसे कह दू, अनपढ़ है माँ मेरी।
दुनिया की मोहब्बत फिजूल है,
माँ की हर दुआ कबूल है,
माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है,
माँ के कदमों की मिट्टी जन्नत की धूल है।
न अपनों से खुलता है न ही गैरों से खुलता है,
ये जन्नत का दरवाज़ा है माँ के पैरो से खुलता है।
माँ मुझको लोरी सुना दो,
अपनी गोद में मुझे सुला लो,
वही चंदा मामा वाली,
सात खिलौनों वाली लोरी फिर से सुना दो।
सोच समझ कर बर्बाद करना मुझे,
बहुत प्यार से पाला है मेरी माँ ने मुझे।
इन चलती फिरती आँखों से दुनिया देखी है,
मेने जन्नत तो नही देखी लेकिन माँ देखी है।
मुझे फर्क नही पड़ता ये दुनिया मुझे क्या कहती है,
में बहुत अच्छा हु, माँ ये मेरी कहती है।