उनके लिए हर मासूम हर बहार होता है,
जिनके हिस्से में माँ का प्यार होता है।
बिना हुनर के भी वो चार औलाद पाल लेती है,
कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।
माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ,
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,
एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ।
मैं सब कुछ भूल सकता हूँ, तुम्हे नहीं माँ,
मुस्कुराने की वजह सिर्फ तुम हो।
मेरी तकदीर में कभी कोई गम नहीं होता,
अगर तकदीर लिखने का हक मेरी माँ को होता।
सोच बदल कर देखिए जिंदगी बदल जाएगी,
मंदिर में किसे खुश करने जाते है,
जब भगवान घर में ही उदास बैठे है।
दिन की रौशनी ख्वाबो को बनाने मे गुजर गयी,
रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गयी,
जिस मकान मे तेरे नाम की तख्ती भी नहीं है,
सारी उम्र उस मकान को बनाने मे गुजर गयी।
मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा,
झुक कर करू तेरा सजदा,
तुझसे भी पहले माँ मेरे लिए,
ना कर कभी मुझे माँ से जुदा।
किसी को जन्नत तो किसी को दो जहान चाहिए,
किसी को धन दौलत तो किसी को मकान चाहिए,
मुझे नहीं गरज़ इन नेअमतों की या रब,
जिसकी खिदमत से मिले सब वो माँ चाहिए।
ऐ खुदा तूने गुल को गुलशन में जगा दी,
पानी को समुद्र में जगा दी,
तू उसे जन्नत में जगा देना,
जिसने मुझे नौ महीने अपने पेट मे जगा दी।