हाल ऐ दिल बयां ना कर पाएंगे,
ज़िन्दगी तुझ बिन किस तरह बिताएंगे,
हमको आता ही नहीं जीना तेरे बगैर,
हम तो तुम्हारे बिन मर ही जायेंगे।
कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा,
कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा,
मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है,
मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा।
नींद भी नीलाम हो जाती है बाज़ार-ए-इश्क में,
किसी को भूल कर सो जाना, आसान नहीं होता।
सोचा भी न था ऐसे लम्हों का सामना होगा,
मंजिल तो सामने होगी पर रास्ता न होगा।
युं तो गलत नही होते अंदाज चेहरों के लेकिन
लोग वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है।
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता।
पता ही नहीं चला कब वो दोस्त से प्यार बन गया,
साथ गुजरा हुआ कुछ पल आज यादगार बन गया,
कर न सके उनसे इज़हार हम इस बात का,
और देखते ही देखते वह किसी और के दिलदार बन गया।
वफ़ा सबको मिली दुनिया में हमारे सिवा,
हमें जब भी प्यार हुआ बेकदरों से हुआ।
एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,
जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे,
वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा,
हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे।
जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं हम नादान थे,
दिल की उम्मीदों का हौंसला तो देखो।