नहीं बता सकती हूँ की,
क्या हाल दिल का मेरा है,
बस इतना समझ लो तुम बिन,
ना ज़िन्दगी में मेरे सवेरा है।
बहुत समझाती हूँ मैं इस दिल को की,
जिस रास्ते मैं कांटे हो उस रस्ते नहीं जाना है,
वहां धोके की दुनिया है और धोखा नहीं खाना है।
नहीं बता सकती हूँ की,
क्या हाल दिल का मेरा है,
बस इतना समझ लो तुम बिन,
ना ज़िन्दगी में मेरे सवेरा है।
निकला करो इधर से भी होकर कभी कभी,
आया करो हमारे भी घर पर कभी कभी,
माना कि रूठ जाना यूँ आदत है आप की,
लगते मगर हैं अच्छे ये तेवर कभी कभी।
इतनी फुर्सत किसको है,
जो हमारी याद में आंसू बहाये,
कोई नहीं इस दुनिया में,
जो हमे इस तरह से चाहे।
दिल से खेलना तो हमे भी आता है,
लेकिन जिस खैल मे खिलौना टुट जाए,
वो खेल हमे पसंद नही।
हाल ऐ दिल बयां ना कर पाएंगे,
ज़िन्दगी तुझ बिन किस तरह बिताएंगे,
हमको आता ही नहीं जीना तेरे बगैर,
हम तो तुम्हारे बिन मर ही जायेंगे।
आज हम है कल हमारी यादें होगी,
जब हम न होंगे तब हमारी बातें होगी,
कभी पल्टाओगे ज़िन्दगी के ये पन्ने तो,
शायद आप की आँखों से भी बारिश होगी।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा,
कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा,
मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है,
मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा।