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Shak Shayari in Hindi - शक शायरी इन हिंदी

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उस इंसान की मोहब्बत पर कभी,
शक मत करना,
जो आपको आपसे नहीं,
पर अपने रब से मांगता हो।

शक के दीमक दिमाग में मत पलने दो,
इंसान और रिश्तें दोनों को तोड़ देता है।

अकेले में उनसे दिल की क्या बात हो गई,
लोगो के मन में फिर शक की शुरूआत हो गई।

इसमें कोई शक नही तुम मेरे दिल में हो,
पर हमारा मिलन सवालों के घेरे में है।

लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है,
मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की।

अपने रब के फैसले पर भला शक कैसे करूँ,
सजा दे रहा है गर वो, कुछ तो गुनाह रहा होगा मेरा।

शक की सुई को हमेशा घुमाते रहिये,
क्योंकि जमाना अब ऐतबार के काबिल नहीं।

दोस्त, शक का कोई इलाज नही होता,
और हर क्यूँ का कोई जवाब नही होता।

रिश्ता, प्यार, ख्याल, दीदार और माफ़ी हैं,
इक शक इनकी मौत के लिए काफी है।

उस पति के प्यार पे,
कभी शक मत करना,
जो अपने बूढ़ी मां का ख्याल,
आपसे ज्यादा करता है।

शक ना कर मेरी मुहब्बत पर पगली,
अगर मै सबूत देने पर आया तो तु बदनाम हो जायेगी।

धड़कनें अहसास कराती हैं जनाब कि जिन्दा हैं हम,
वरना शक़ होता है कभी-कभी अपने वजूद पर।

हर आदमी अब शक के घेरे में है,
इंसानियत का वजूद अब अँधेरे में है।

इक उम्र वो थी कि जादू पर भी यकीन था,
इक उम्र ये है कि हकीकत पर भी शक है।

शक तो था मोहब्बत में नुकसान होगा,
पर ये पता नही था वो मासूम इंसान होगा।

शक नही तेरे लिए बस प्यार भरा है,
तुझे खो न दूँ बस इसलिए ये दिल डरा है।

रिश्तों का कत्ल इक छोटी सी शक कर गई,
हमारी मोहब्बत अब खामोशी में बदल गई।

प्यार ऐसा हो जहाँ शक की गुंजाइश हो,
महबूब का दिल भरने तक आजमाइश हो।

किस गम में हो, किस गम ने मारा है,
सब पर करते हो शक, किसको कहोगे हमारा है।

उँगलियाँ शक की तुम भी उठाने लगे हो,
लगता है दिल की जगह दिमाग लगाने लगे हो।

भरोसा ज्यादा टूटे तो शक होने लगता है,
और जब शक हो तो रिश्ता खोने लगता है।

तुम्हारा सिर्फ हवाओं पर शक गया होगा,
चिराग खुद भी तो जल जलकर थक गया होगा।

किसी पर शक करके बर्बाद होने से अच्छा है,
किसी पर यकीन करके बर्बाद जो जाओ।

शक ना कर मेरी मोहब्बत पर पगली,
अगर मै सबूत देने पर आया तो तु बदनाम हो जायेगी।

मोहब्बत करना दिल से शक को निकालकर,
रूठने मत देना उनको अपने दिल में बसाकर।

शक करना भी जरूरी है, ऐतबार से पहले,
यार परखना जरूरी है, प्यार से पहले।

सौ बार सोच लिया उसने,
मुझ पर हक़ रखने से पहले,
एक बार भी ना सोचा उसने,
मुझ पर शक करने से पहले।

बस इसी बात ने उन्हे शक मे डाल दिया,
उफ्फ इतना प्यार, कोई मतलब तो होगा।

जब से धोखा खाया है हमने मोहब्बत की राह में,
अपने तक आ गये है अब तो शक की निगाह में।

आधे दुःख गलत लोगो से उम्मीद रखने से होते हैं,
और बाकी आधे सच्चे लोगो पर शक करने से होते है।

तेरे शक का कोई इलाज नहीं,
इसलिए आज भी तेरा कोई खास नहीं।

तुम देर से आये तो हमें चिंता हुई,
और हम देर से आये तो तुम्हें शक,
किस को दिखाए इस दिल के जख्म को,
कितना दिया था, हमने तुम्हें हक।

अक्सर दिमाग कहता है कि शक कर,
चुपके से दिल कहता है कि भरोसा रख।

प्यार ज्यादा हो तो शक अपने आप होने लगता है,
महबूब शक करें तो कभी इसे प्यार की तौहीन मत समझना।

ऐ दोस्त, शक न कर मेरी हिम्मत पर,
मैं ख्वाब बुन लेता हूँ टूटे धागों को जोड़कर।

शक से भी खत्म हो जाते है अक्सर रिश्तें,
कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता।

कभी ये शक का चश्मा हटा कर देखो,
कभी तो अपना बनाकर देखो,
मिलेंगे तुम्हारे हर प्रश्न के उत्तर,
बस थोड़ा नजर से नजर मिलाकर देखो।

याद ऐसा करो कि कोई हद न हो,
भरोसा इतना करना कि शक न हो,
और इंतजार इतना करो कि कोई वक्त न हो,
दोस्ती ऐसी करो कि कभी नफ़रत न हो।

दिल टूटे तो निगाहों में शक छा जाता है,
अब तो हर इंसान बेवफा नजर आता है।

अगर है भरोसा तुम्हें तुम्हारे शक पर,
तो हमें भी शक है तुम्हारे भरोसे पर।

तेरा तब तक कोई ख़ास नहीं होगा,
जब तक तेरे शक का इलाज नहीं होगा।

शक तो था मुहब्बत मे नुकसान होगा पर,
सारा मेरा ही होगा ये मालूम न था।

जिन्दगी बीत जाती है,
किसी को अपना बनाने में,
पर एक शक ही काफी है,
तमाम रिश्तों को उजाड़ने में।

मेरी मौत पर वो रोये नहीं ऐ दोस्त,
उन्हें शक था मुझमे जान अभी बाकी है।

जब हमें उनसे मोहब्बत थी,
उन्हें हमारे मुहब्बत पे शक था,
जब उन्हें एहसास हुआ मेरे मुहब्बत का,
तब मुझ पर किसी और का हक था

लोगों के पास बहुत कुछ है मगर मुश्किल यही है कि,
भरोसे पे शक है और अपने शक पे भरोसा हैं।

यकीन क्या है जो आये यकीं दिलाने से,
मैं चाहती हूँ तुझे जान इक जमाने से,
इसीलिए तो कहते है कि शक न करना तुम,
ये आग वो है जो बुझती नहीं बुझाने से।

मेरे शक की दीवार को तोड़ दो,
अपने यकीन की एक और ईट रख दो।

भरोसा होता तो शक ही न होता,
यही सोचकर मैं सफाई नहीं देता,
जो अपना रहेगा वो अपना ही होगा,
रिश्तों की मैं दुहाई नहीं देता।

सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनों पर भी शक करना,
मेरी फितरत में तो था गैरों पर भरोसा करना।




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